इस बार होली दहन के दिन भद्रा तिथि होने से होलिका दहन का मुहूर्त का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने इस बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने सलाह दी है कि होली दहन श्रेष्ठ मुहूर्त में ही करना चाहिए। मुरैना से पढ़िए मनोज जैन नायक की यह खबर…
मुरैना। अक्सर होलिका दहन वाले दिन मुहूर्त से आगे या पीछे हर बार भद्रा तिथि आती रहती हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि होलिका दहन फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि के दिन भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा में करना चाहिए। ऐसा धर्म सिंधु शास्त्र का मत है कि भद्रा तिथि में होलिका दहन और राखी बांधना सर्वथा निषेध होता है। अगर इस दिन प्रदोष पूर्णिमा का आभाव हो, परंतु भद्रा तिथि मध्यरात्रि से पहले समाप्त हो जाए तो प्रदोष के बाद जब भद्रा समाप्त हो जाए तभी होलिका दहन करना चाहिए। जैन ने बताया कि होलिका दहन का मुहूर्त किसी त्योहार के मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसे सर्व समाज हंसी खुशी और प्रेम पूर्वक रंग और गुलाल से मनाता है।
श्रेष्ठ मुहूर्त में ही होलिका दहन होना चाहिए
किसी त्योहार की पूजा अगर मुहूर्त में न हो पाए तो मात्र पूजा के लाभ से वंचित करती है लेकिन, होलिका दहन की पूजा अनुपयुक्त समय में करने से यह दुर्भाग्य और पीड़ा देती है। जिसका परिणाम न केवल एक होलिका दहन करने वाले व्यक्ति को भुगतना पड़ता है बल्कि इस का दुष्प्रभाव पूरे शहर और देश पर पड़ता है। इसलिए भद्रा के बाद श्रेष्ठ मुहूर्त में ही होलिका दहन होना चाहिए। जैन ने कहा कि इस बार भद्रा होली दहन वाले दिन पूर्णिमा के प्रारंभ से रात 11. 36 बजे तक है। वहीं खग्रास चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के अंत समय में 14 मार्च को सिंह एवं कन्या राशि में रहेगा। यह चन्द्र ग्रहण खग्रास रूप में अमेरिका, पेसिफिक, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका में दिखाई देगा और भारतीय समय अनुसार 14 मार्च को चंद्रग्रहण का स्पर्श सुबह 10.40 बजे से स्पर्श करेगा । इस का मोक्ष 14.18 बजे पर होगा। इस का मध्य 12.29 बजे होगा। जैन ने बताया कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए पूरे भारत में इसका धार्मिक दृष्टि से कोई भी सूतक पातक नियम पालन नहीं किया जाएगा।
होलिका दहन मुहूर्त
13 मार्च गुरुवार को फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ प्रातः 10.35 बजे से हो जाएगा। इसी के साथ भद्रा तिथि भी प्रारंभ होगी जो रात्रि 11.26 बजे तक भद्रा रहेगी। 14 मार्च शुक्रवार को फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि की समाप्ति दोपहर 12.23 बजे तक होगी। इसलिए होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार को होगा। मुहूर्तः 13 मार्च गुरुवार भद्रा समाप्ति के बाद रात्रि 11. 26 बजे से रात्रि 12.26 बजे तक केवल एक घंटे का समय होलिका दहन के लिए श्रेष्ठ है। होलिका दहन के बाद होलाष्टक समाप्त हो जाएंगे।
इन राशियों पर रहेगा इसका असर
वैसे तो प्रत्येक राशि वाले व्यक्ति को मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए। फिर भी इस दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि होलिका दहन के समय रहेगी। सिंह और कन्या राशियों पर चंद्र ग्रहण पड़ेगा। इन्हें विशेष सावधान रहना होगा। यह साल का अंतिम महीना है।
Add Comment