मुनि श्री आदित्य सागर महाराज जी ने कहा कि अपने व्यक्तित्व में मौन और मुस्कुराहट दोनों का प्रयोग करें। मौन आपका रक्षाकवच है। मुस्कुराहट स्वागत द्वार है। वे धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। मुनि श्री आदित्य सागर महाराज जी के निर्देशन में आचार्य श्री विशुद्धसागरजी महाराज का पट्टाचार्य महा महोत्सव 25 अप्रैल से 2 मई तक सुमतिधाम इंदौर में होगा। इंदौर से पढ़िए अभिषेक पाटिल की खबर…
इंदौर। मुनिश्री आदित्यसागर जी महाराज, मुनि श्री अप्रमितसागर जी महाराज, मुनि सहजानंदी, सहजसागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री श्रेयससागर जी महाराज इंदौर में विराजमान है। मुनित्रय की चरण धूलि से इंदौर धरती पावन हो रही है। मुनि श्री आदित्य सागर महाराज जी ने कहा कि अपने व्यक्तित्व में मौन और मुस्कुराहट दोनों का प्रयोग करें। मौन आपका रक्षाकवच है। मुस्कुराहट स्वागत द्वार है। सही बात है- समय पर मौन और मुस्कुराहट आपके लिए परम औषधि है। बुरा व्यवहार आपकी बुरी संगत और बुरी सोच की उपज है।
अपना नजरिया बदलने का प्रयास करें
हमेशा अपना व्यवहार अच्छा और अपना लक्ष्य बड़ा रखें। सही बात है राम की तरह अमर होना हो तो रावण की तरह व्यवहार छोड दें। जिसका नजरिया सही होता है। उसे हर चीज सही लगती है। इसलिए चीजों या लोगों को बदलने की अपेक्षा अपना नजरिया बदलने का प्रयास करें। सही बात है-गंदगी देखने वालों की नजरों में है वरना कचरा उठानेवाले को उसमें भी रोटी ही दिखती है। मुनि श्री आदित्य सागर महाराज जी के निर्देशन में आचार्य श्री विशुद्धसागरजी महाराज का पट्टाचार्य महा महोत्सव 25 अप्रैल से 2 मई तक सुमतिधाम इंदौर में होगा।
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