समाधिस्थ आचार्य विरागसागर जी महाराज के शिष्य आचार्य श्री विशुद्धसागरजी ने पांच मुनि दीक्षा प्रदान कीं। रविवार को दोपहर 1 बजे से दीक्षा कार्यक्रम शुरु हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन साक्षी बने। सभी ने जय-जयकार की। पढ़िए मुंबई से अभिषेक पाटील की खबर…
मुंबई। मुनिश्री सिद्धसागर जी महाराज ने कहा कि पट्टाचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ने रविवार को सिरसाड़ मुंबई में भव्य जैनेश्वरी दीक्षा महामहोत्सव संपन्न किया। आचार्य श्री के सानिध्य में 151 वां पंचकल्याण प्रतिष्ठा महा महोत्सव सिरसाड़, मुंबई में 5 मार्च तक हो रहा है। समाधिस्थ आचार्य विरागसागर जी महाराज के शिष्य आचार्य श्री ने पांच मुनि दीक्षा प्रदान कीं। रविवार को दोपहर 1 बजे से दीक्षा कार्यक्रम शुरु हुआ। आचार्य श्री ने अब तक 1 लाख 25 हजार किमी पैदल विहार किया है। आचार्यश्री ने 250 ग्रंथों की रचना और 5 हजार नीति काव्य का लेखन किया है। आचार्यश्री के सानिध्य में लगभग 150 पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव हुए हैं।
पांच जैनेश्वरी दीक्षार्थी के नाम
मुनिश्री नियोग सागर जी महाराज (बाल ब्रह्मचारी अंकुर भैया, नागौर,),मुनिश्री अनियोग सागर जी महाराज (बाल ब्रह्मचारी मयंक भैया, गोंदिया), क्षुल्लक श्री विनियोग सागर जी महाराज (ब्रह्मचारी गणेशीलाल जी,गुनौर मप्र),.क्षुल्लक श्री परमयोग सागर जी महाराज, ब्रह्मचारी यशवंत भैया, रामगढ़), क्षुल्लक श्री श्यामयोग सागर जी महाराज(ब्रह्मचारी अनिल भैया, गुवाहाटी, आसाम) इन पांचों मुनिराजों को आचार्य श्री विशुद्धसागर जी ने दीक्षा प्रदान की। आचार्य श्री ससंघ पंढरपुर से मुंबई पंचकल्याणक और भव्य जैनेश्वरी दीक्षा के लिए आए हैं। मुंबई से जालना की ओर 5 मार्च से आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ससंघ का निरंतर मंगल विहार होनेवाला है।
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