आर्यिकाश्री श्रुतमति माताजी की गुरुवार सुबह समाधि जी गईं। दाहोद के नजदीक में एक दर्दनाक सड़क हादसे में गंभीर घायल हो गईं। इससे उनका अकाल समाधिमरण हो गया। माताजी दाहोद में आचार्य श्री सुनील सागर जी संघ से मिलन के लिए विहार कर रही थी और गुरुवार को सुबह रोड एक्सीडेंट में माताजी की अकाल समाधि मरण हो गया है। इस खबर से जैन समाज स्तब्ध है। पढ़िए दाहोद से यह खबर…
दांहोद। श्रुतज्ञान चंद्रिका आर्यिका १०५ श्रुतमति माताजी की आज समाधि जी गईं। दाहोद के नजदीक में एक दर्दनाक सड़क हादसे में गंभीर घायल हो गईं। इससे उनका अकाल समाधिमरण हो गया। माताजी दाहोद में आचार्य श्री सुनील सागर जी संघ से मिलन के लिए विहार कर रही थी और गुरुवार कोा सुबह रोड एक्सीडेंट में माताजी की अकाल समाधि मरण हो गया है। माताजी के असमय समाधिमरण से सकल दिगंबर जैन समाज व्यथित और दुःखी है। दिगंबर जैन समाज की ओर से माताजी के चरणों में त्रिवार वंदामी की जा रही है। जैन समाज के लोगों ने यह भावना रखी कि परमात्मा आपको आगामी भवों में सिद्धालय में स्थान प्राप्त हो।
विहार के समय सुरक्षा के इंतजाम की उठी मांग
यह गौरतलब है कि समय-समय पर विहार के दौरान साधु-साध्वियों की सुरक्षा की मांग समाज उठाता रहा है। पूर्व में भी ऐसे सड़क हादसों में हम कई साधुओं के समाधिमरण देख चुके हैं। मप्र सरकार ने जरूर इस मांग पर संज्ञान लिया है और सरकार की ओर से आश्वस्त किया गया कि साधु-साध्वियों के विहार के समय सुरक्षा और रात्रि विश्राम के लिए इंतजाम किए जाएंगे। मप्र से प्रेरणा लेकर अन्य राज्यों को भी इस तरह से पुख्ता इंतजाम करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
Add Comment