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त्याग और समर्पण हमारे समाज के आधारभूत स्तंभ : उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल श्री मज्जिनेंद्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में हुए शामिल


प्राचीन प्राकृत भाषा के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। मुरैना जिले के सिहोनिया में श्री मज्जिनेंद्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ समारोह में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने संबोधित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे। पढ़िए अंबाह से अजय जैन की यह खबर…


अंबाह। हमारे देश की विशेषता धर्म एवं अध्यात्म है। भारत की इस ताक़त के आगे सभी देश नतमस्तक हैं। यह बात उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मुरैना जिले के सिहोनिया जैन मंदिर के पंचकल्याण प्रतिष्ठा में कही। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मंदिर में दर्शनकर प्रांगण का भ्रमण किया एवं जैन मुनियों का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि चौबीसों तीर्थंकरों भगवान आदिनाथ स्वामी से लेकर महावीर स्वामी तक की परंपराओं एवं संस्कृति को आगे ले जाने का कार्य श्री वसुनंदी जी महाराज ने किया है। उनके दर्शन पाकर मैं कृतार्थ एवं गौरवान्वित हूं। उन्होंने कहा हमारे देश का आर्थिक विकास काफ़ी तेज़ी से हो रहा है। विकास के इस दौर में वसुनंदी महाराज जैसे महापुरुषों का आशीर्वाद लेकर हमें आगे बढ़ना होगा, तभी यह विकास हमारे लिए अभिशाप ना बनकर हमें संपन्न बनाएगा।

अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे तभी लक्ष्य मिलेंगे

शुक्ल ने कहा कि वसुनंदी जी महाराज के कहे अनुसार गोमाता की रक्षा एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिले, यह सोच बहुत जमीनी स्तर की है। हमारी सरकार गोवंश के संरक्षण एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये तत्पर है। ये सभी लक्ष्य निःस्वार्थ भाव से प्राप्त करना तभी संभव है, जब हम अध्यात्म के रास्ते चलकर अहिंसा के मार्ग पर चलेंगे।

समर्पण और त्याग अपनाना होगा

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जैन दर्शन नीचे देखकर चलना सिखाता है एवं इंसान को झुके रहने की सीख देता है। इस दर्शन में एक चींटी का जीवन भी अमूल्य है। महापुरुषों का समर्पण, त्याग की पराकाष्ठा का एक अंश भी यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो हमारा मानव जीवन सफल हो जाएगा एवं निः स्वार्थ भाव से हम प्रकृति की सेवा कर सकेंगे।जीवन को सफल बना सकेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृत भाषा के विकास के लिये महत्वपूर्ण कदम सरकार द्वारा उठाए जाएंगे। सिहोनिया मंदिर स्थान एकमात्र तीर्थ स्थान है,जिसे वहीं बनाया गया है जहां पर पवित्र मूर्तियाँ भू-गर्भ से प्राप्त हुई है। ऐसे स्थानों में भगवान का वास होता है। इन स्थानों के विकास से समाज भी विकसित होता है। महामारी एवं प्राकृतिक आपदा तभी आती हैं, जब हम अध्यात्म के रास्ते पर चलना छोड़ देते हैं।

कई दिग्गज हस्तियां रहीं मौजूद

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस बड़े समारोह में 142 से ज्यादा प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा के संपन्न होने एवं प्रतिमाओं की स्थापना होने से समाज का कल्याण होगा। मैं ख़ुद को बहुत सौभाग्यशाली समझता हूं, जो मुझे यहां आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर पूर्व मंत्री गिर्राज डंडोतिया, पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना, महापौर शारदा सोलंकी, जिला अध्यक्ष कमलेश कुशवाह, डॉ. योगेशपाल गुप्ता, जिनेश जैन, संतोष जैन रिठौना सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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