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किसी के निधन पर खुशी व्यक्त नहीं करनी चाहिए-मुनिश्री प्रशुत सागरः डडूका में जैन मुनियों का मंगल प्रवेश के बाद हुआ विहार


मुनि प्रणुत सागर, जयेन्द्र सागर, प्रिशम सागर व साध्य सागर खोडन और गढ़ी से विहार कर डडूका में समाजजनों की अगवानी में इनका मंगल प्रवेश हुआ। दिगंबर पाठशाला के बच्चों एवं जैन युवा समिति के सदस्यों ने घोष वादन कर भाव भीनी अगवानी की। पाद प्रक्षालन कर भक्तों ने मुनि संघ का आशीर्वाद प्राप्त किया। पढ़िए डडूका से राकेश शाह की यह खबर…


डडूका। आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागरजी के परम प्रभावक शिष्य मुनि प्रणुत सागर, जयेन्द्र सागर, प्रिशम सागर व साध्य सागर खोडन और गढ़ी से विहार कर बुधवार प्रातः डडूका में समाजजनों की अगवानी में मंगल प्रवेश हुआ। दिगंबर पाठशाला डडूका के बच्चों एवं जैन युवा समिति डडूका के सदस्यों ने घोष वादन द्वारा मुनि संघ की भाव भीनी अगवानी की। जगह-जगह पाद प्रक्षालन कर भक्तों ने मुनि संघ का आशीर्वाद प्राप्त किया।

किसी के भी निधन पर खुशी व्यक्त न करें 

जिनालय में अपने प्रवचनों में मुनिश्री प्रशुत सागरजी महाराज ने आर्त ध्यान ओर रौद्र ध्यान पर रोचक चर्चा की। मुनिश्री ने कहा कि कभी-भी किसी के निधन पर खुशी व्यक्त नहीं करनी चाहिए। आचार्य विशुद्ध सागरजी के शिष्यों के आहारचर्या का लाभ मनोज शाह व सुधीर सेठ परिवार को मिला। मुनि संघ ने सायं जौलाना के लिए विहार किया।

मुनिराजों नेे आशीर्वाद दिया 

इस अवसर पर केशवलाल शाह, विजय चंद सेठ, बदामीलाल कोठिया, जय कुमार शाह, धनपाल सेठ, धनपाल शाह, सुधीर सेठ, राजमल शाह, अंकित शाह, रमनलाल शाह, राजेन्द्र कोठिया, अनिल कोठिया, सुमित शाह, भरत जैन, हितेश जैन, मनोज सी शाह, अजीत कोठिया, डॉ. नमन जैन, कांतिलाल शाह, मितेश शाह, रितेश शाह सहित कई समाजजनों ने मुनिराजो से आशीर्वाद लिया। महिला मंडल की बहनों ने गुरुओ के पाद प्रक्षालन की शानदार व्यवस्था की।

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