संविद नगर स्थित दिगंबर जैन लाल मंदिर में मुख्य मूर्ति भगवान आदिनाथ का अभिषेक साल में तीन बार होता है। यह अभिषेक आदिनाथ जयंती, आदिनाथ निर्वाण महोत्सव, और मंदिर स्थापना पंचकल्याणक दिवस 31 जनवरी को होता है। मस्तकाभिषेक के साथ शांतिधारा भी की जाती है, जिसमें बोली के माध्यम से श्रावक पुण्यार्जन करते हैं। पढ़िए यह संपादक रेखा जैन की विशेष रिपोर्ट…
इंदौर। संविद नगर स्थित दिगंबर जैन लाल मंदिर में मुख्य मूर्ति भगवान आदिनाथ का अभिषेक साल में तीन बार होता है। यह अभिषेक आदिनाथ जयंती, आदिनाथ निर्वाण महोत्सव, और मंदिर स्थापना पंचकल्याणक दिवस 31 जनवरी को होता है। मस्तकाभिषेक के साथ शांतिधारा भी की जाती है, जिसमें बोली के माध्यम से श्रावक पुण्यार्जन करते हैं। अभिषेक सुबह 8:30 बजे नित्य नियम पूजन के बाद प्रारंभ होता है। स्वर्ण और रजत कलश से शांतिधारा और अभिषेक किया जाता है।
आचार्य श्री विद्या सागर महाराज ने प्रदान किया था श्रीमंत्र
मंदिर के मंत्री महावीर जैन ने बताया कि इस वर्ष के कार्यक्रम में मुनि श्री विनम्र सागर महाराज का सानिध्य प्राप्त होगा। चार दिवसीय उत्सव में पहले दिन मंगलवार को भगवान को निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। बुधवार को 48 दीपकों से भक्तामर की आराधना होगी। गुरुवार को भक्तामर विधान मंडल की रचना की जाएगी। 31 जनवरी को मस्तकाभिषेक और शांतिधारा होगी, और रात्रि में महाआरती का आयोजन होगा। खास बात यह है कि इस मंदिर में भगवान की पद्मासन अवस्था में सबसे बड़ी मूर्ति विराजमान है। समाधिस्थ आचार्य श्री विद्या सागर महाराज ने यहां आकर श्रीमंत्र प्रदान किया था।
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