मुनिश्री अपूर्व सागर जी महाराज ससंघ का मंगलप्रवेश भींडर में हुआ। मुनिश्री ससंघ का यहां 22 वर्ष बाद आगमन हुआ है। यहां की जनता और श्रावक-श्राविकाओं ने उनकी मंगल अगवानी की और बैंडबाजों से शोभायात्रा निकाली गई। बाजार और घरों के सामने रंगोली सजाई गई। पढ़िए भींडर से ब्रह्मचारी नमन जटाले की यह खबर…
भींडर। जिन धर्म प्रभावक वात्सल्य वारिधि आचार्य रत्न 108 श्री वर्धमान सागर महाराज के सुशिष्य परम पूज्य मुनि 108 श्री अपूर्वसागर जी महाराज, मुनिश्री अर्पितसागर जी महाराज, मुनिश्री विवर्जितसागर जी महाराज ससंघ का सोमवार को धर्मनगरी भींडर में मंगल प्रवेश हुआ। सुबह तीन मुनिराज इस शहर में आने की सूचना मिली तो हर श्रावक-श्राविकाएं उत्साह से भर गईं। समाज के प्रवक्ता इंद्रलाल फांदोत और बाल ब्रम्हचारी नमन भाई ने बताया कि तीनों ही जैन मुनिराज का सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से स्वागत किया गया। उनकी अगवानी कर बैंडबाजों के साथ आदिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र ध्यान डूंगरी से गिरवर पोल होकर ले जाया गया।
मंगल कलश लेकर परिक्रमा कर कराया मंगल प्रवेश
त्रिशला महिला मंडल की महिलाओं ने मंगल कलश लेकर मुनिराज की परिक्रमा लगाकर मंगल प्रवेश करवाया। सभी श्राविकाओं ने अपने घर के बाहर रंगोली बनाकर मुनिराज की अगवानी की। मुनिसंघ के चरण का दूध और जल से प्रक्षालन किया। श्रीफल भेंट किए और आरती की गई। मंगल प्रवेश शोभायात्रा को गिरवर पोल, साठडीया बाजार, मादो का नीम, सदर बाजार, रावली पोल चौक होते हुए आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में प्रवेश करवाया गया।
मुनिसंघ ने मंदिरों में भगवान के दर्शन किए।
मुनि संघ ने आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, पार्श्व नाथ दिगंबर जैन चैत्यालय, शांति नाथ दिगंबर जैन मंदिर में दर्शन किए भगवान के दर्शन करने के बाद धर्मसभा हुई। जिसमें परम पूज्य मुनिश्री अपूर्व सागर महाराज ने मंगल प्रवचन दिया। धर्म मार्ग पर चलने के लिए सभी श्रावक-श्राविकाओं को उपदेश दिया। प्रवक्ता इंद्रलाल फांदोत ने बताया कि 22 वर्ष बाद पूज्य मुनिराजों का मंगल प्रवेश भींडर मंे हुआ। जिससे सकल दिगंबर जैन समाज में भारी उत्साह देखा गया।
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