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जैनत्व को सही पहचान दिलाए भगवान आदिनाथ का निर्वाणोत्सव मनाएः राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ भारत ने किया आह्वान 


जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभनाथ का निर्वाण कल्याणक भारतवर्षीय जैन समाज आवश्यक रूप से धूमधाम से मनाए। वास्तविक रूप से जैन धर्म अनाधि निधन धर्म है और वर्तमान काल में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ से जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ है। स्वरूप आदिनाथ जिनालय छत्रपति नगर में सांय भक्तामर महाअर्चना 48 दीपों के साथ आयोजित किया जा रहा है। पढ़िए जिन शासन एकता संघ के राजेश जैन दद्दू द्वारा इंदौर की पूरी खबर…


इंदौर। राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ भारत ने आह्वान किया है की जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभनाथ का निर्वाण कल्याणक भारतवर्षीय जैन समाज आवश्यक रूप से धूमधाम से मनाए। जिन शासन एकता संघ के दद्दू एवं मयंक जैन, राकेश जैन एवं वरिष्ठ समाजसेवी डॉ जैनेन्द्र जैन ने बताया की वास्तविक रूप से जैन धर्म अनाधि निधन धर्म है और वर्तमान काल में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ से जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ है। अतः जैनत्व को सही पहचान दिलाने के लिए आदिनाथ भगवान के जन्म व निर्वाण कल्याणक पर भारतवर्षीय समग्र जैन समाज को आवश्यक रूप से मनाना चाहिए।

आदिनाथ का निर्वाण कल्याणक बड़ी धूम-धाम से मनाएं 

आगामी 28 जनवरी मंगलवार को भगवान आदिनाथ का निर्वाण कल्याणक बड़ी धूम-धाम व भक्ति-भाव के साथ मनाए और उसी दिवस अपने अपने शहर के जिन मंदिर में शाम को जिन बिम्ब के समक्ष दीपोत्सव आदिनाथ भगवान की भक्ति स्वरूप भक्तामर मण्डल दीप अर्चना कर मनाए ।

सार्वजनिक अवकाश हेतु ज्ञापन देकर पुरजोर माँग करें 

विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन, दिल्ली ने भारतवर्षीय जैन समाज से अपील की है कि सभी समाजजन अपने स्तर पर केंद्र व राज्य सरकार के नाम आदिनाथ भगवान जन्मकल्याणक पर सार्वजनिक अवकाश हेतु ज्ञापन आदि देकर अवकाश की पुरजोर माँग करें। आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक परमार्थिक ट्रस्ट छत्रपति नगर के अध्यक्ष भूपेंद्र जैन, कमल जैन विपुल बांझल, निलेश जैन एवं परवार समाज महिला संगठन की अध्यक्ष मुक्ता जैन, सारिका जैन, सीमा रावत, रजनी जैन, मनीषा जैन के अनुसार छत्रपति नगर स्थित तीर्थ स्वरूप आदिनाथ जिनालय छत्रपति नगर में 28 जनवरी मंगलवार को सांय भक्तामर महा अर्चना 48 दीपों के साथ आयोजित किया जा रहा है। समस्त समाजजनों से इसमें भाग लेने की अपील की है।

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