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आचार्य वर्धमान सागरजी का 18 जनवरी को मंगल प्रवेशः धरियावद जैन समाज मे हर्ष की लहर 


जिनधर्म प्रभावक राष्ट्रगौरव आचार्य वर्धमान सागरजी महाराज ससंघ का लम्बे अन्तराल के पश्चात धर्मनगरी धरियावद मंे आगमन होने जा रहा है। महाराजजी के आगमन से जैन समाज मे हर्ष की लहर हैं। पढ़िए धरियावद से लक्की राजावत की यह पूरी खबर…


धरियावद। परम पूज्य चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शान्ति सागरजी महाराज की अक्षुण्ण मूल पट्ट परम्परा के वर्तमान पट्टाधीश, पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधि जिनधर्म प्रभावक राष्ट्रगौरव आचार्य वर्धमान सागरजी महाराज ससंघ का 20 वर्षाें के लम्बे अन्तराल के पश्चात् धर्मनगरी धरियावद मे आगमन आगामी 18 जनवरी को होने जा रहा है।

आचार्यश्री ने सहर्ष स्वीकृति दी 

वर्तमान मे आचार्य अपने शिष्यों संघ सहित समीपस्थ पारसोला मे विराजमान हैं। जहॉ पर सकल दिगम्बर जैन समाज धरियावद के सैकडों समाजजन ने सहितासुरी प्रतिष्ठाचार्य हंसमुख जैन के नेतृत्व मे एंव दिगम्बर जैन दशा हुमड समाज के सेठ करणमल, दशा नरसिंहपुरा के दिनेश जेकणावत, बीसा नरसिंहपुरा के डुंगावत सहित पंच महानुभावो ने पहुँचकर आचार्यश्री को धरियावद पधारने हेतु श्रीफल भेंट किया। जिस पर आचार्यश्री ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की। आचार्यश्री के स्वीकृति प्रदान करते ही समूचा हॉल तालियों की गडगडाहट से गुंजायमान हो उठा।

पारसोला से मंगल विहार करेंगे

कार्यक्रम के अनुसार आचार्य वर्धमान सागरजी महाराज अपने संघ सहित पारसोला से 16 जनवरी को मध्यान्ह मे धरियावद की ओर मंगल विहार प्रारंभ करेंगे। रात्रि विश्राम माण्डवी ग्राम मे होगा 17 जनवरी को आहारचर्या के बाद विहार होगा एवं महूँ अतिशय क्षेत्र में मंगल प्रवेश होकर रात्रि विश्राम क्षेत्र में करने के बाद 18 जनवरी को अभिषेक के बाद धरियावद की ओर मंगल विहार होगा। जहॉ रेणिया मगरी चौराहा से भव्य स्वागत किया जाएगा एवं आचार्यश्री की मंगल अगवानी की जाएगी। आचार्यश्री के आगमन को लेकर सकल जैन जैनत्तर समाज सहित सम्पूर्ण नगर मे उत्साह का वातावरण है। समाजजन द्वारा भव्य विराट स्वागत को लेकर विभिन्न तैयारियां की जा रही हैं।

20 वर्षाें अन्तराल बाद होगा आगमन

विदित है कि आचार्यश्री महाराज ससंघ का सन् 2001 मे धरियावद के चन्द्रप्रभु मन्दिर मे मंगल चातुर्मास हुआ था साथ ही आचार्य श्री के सानिध्य मे ही नगर के महावीर स्वामि मन्दिर की एवं सिद्धांत तीर्थ नन्दनवन की प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन हुई थी जिसके बाद आचार्य ने दक्षिण भारत की ओर विहार किया था जिसके बाद अब आचार्य संघ का मंगल पदार्पण होगा जिसको लेकर हर्ष व्यापत है।

आचार्यश्री के संघस्थ है धरियावद के गौरव मुनि 

आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के चरण रज से पवित्र धर्मनगरी धरियावद से अनेक धर्मात्मा ने आचार्य से दीक्षा लेकर अपने जीवन को धन्य किया है। मुनिश्री श्रेयस सागर, मुनि पद्मकिर्तिसागर जी, आर्यिका श्रेयमति, आर्यिका योगीमति ने दीक्षा लेकर उत्कृष्ट समाधि आपके सानिध्य मे हुई है। साथ ही वर्तमान मे धरियावद गौरव मुनि मुमुक्षू सागर, आर्यिका प्रेक्षामति संघस्थ है।

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