जैन महिलाओं की दिनचर्या उनके धर्म और संस्कृति के अनुसार व्यवस्थित होती है। जिसमें ध्यान, स्वाध्याय और आत्म-शुद्धि पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जैन महिलाओं की दिनचर्या व्यक्तिगत और सामाजिक परिस्थितियों के आधार पर भिन्न भी हो सकती है। समय परिवर्तन होने से आधुनिकता का प्रभाव नई पीढ़ी पर चढ़ता नजर आ रहा है लेकिन फिर भी वे धर्म के महत्व को जानते और समझते हैं। कुछ जैन महिलाओं से उनकी दिनचर्या के बारे में बात की गई, ये तथ्य सामने आए। पढ़िए श्रीमती श्वेता त्रिवेदी की एक रिपोर्ट…
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