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श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान प्रारंभ, पहले दिन 16 अर्घ्य चढ़ाएः विधान से पहले निकाली घटयात्रा और हुआ ध्वजारोहण


श्री महावीर स्वामी दिगंबर जैन मंदिर पुराना बस स्टैंड, धरियावद में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठाचार्य पंडित हंसमुख जैन, बाल ब्रह्मचारिणी वीणा दीदी के निर्देशन में प्रतिष्ठाचार्य पंडित भागचंद जैन शास्त्री के संचालन में सहयोगी प्रतिष्ठाचार्य विशाल जैन एवं गजेंद्र पटवा के सहयोग में श्रावक श्रेष्ठी ख्यालीलाल छगनलाल, प्रवीण और राजीव गनोड़िया परिवार की ओर से 8 दिवसीय श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन का शुक्रवार को आरंभ हुआ। इस अवसर पर श्रीजी का अभिषेक किया। पढ़िए धरियावद से यह खबर…


धरियावद। श्री महावीर स्वामी दिगंबर जैन मंदिर पुराना बस स्टैंड, धरियावद में वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्द्धमान सागर जी महाराज के संघस्थ प्रज्ञा श्रमण मुनि पुण्य सागर जी महाराज ससंघ सानिध्य (19 पिच्छी) में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठाचार्य पंडित हंसमुख जैन, बाल ब्रह्मचारिणी वीणा दीदी के निर्देशन में प्रतिष्ठाचार्य पंडित भागचंद जैन शास्त्री के संचालन में सहयोगी प्रतिष्ठाचार्य विशाल जैन एवं गजेंद्र पटवा के सहयोग में श्रावकश्रेष्ठी ख्यालीलाल छगनलाल, प्रवीण और राजीव गनोड़िया परिवार की ओर से 8 दिवसीय श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन का शुक्रवार को श्रीजी का अभिषेक किया। श्रीजी की रथयात्रा के साथ घटयात्रा जुलूस नगर भ्रमण करते हुए महावीर मंदिर पहुंचा।

यहां भूमि शुद्धि करते हुए विधि विधानपूर्वक ध्वजारोहण किया गया। विधान में सौधर्म इंद्र ख्यालीलाल-तिलक देवी गनोड़िया, श्रीपाल-मैना सुंदरी, प्रवीण-गौरी (चीकू) गनोड़िया, धनपति कुबेर, राजीव-सपना गनोड़िया परिवार ने ध्वजारोहण किया। इस विधान की मंगल प्रेरणा समाधिस्थ परम विदुषी आर्यिका विशुद्ध मति माताजी, समाधिस्थ आर्यिका प्रशांत मति माताजी, आर्यिका सम्मेद शिखर मति माताजी और आर्यिका प्रसन्न मति माताजी की रही है, जो वर्तमान में मूर्तरूप में आयोजन हो रहा है। इस विधान पूजन में 21 जोड़े इंद्र-इंद्राणी सहित स्थानीय श्रावक-श्राविका परिवार सहित गनोड़िया एवं भंवरा परिवार के सदस्य भाग ले रहे हैं।

संगीत की धुन के साथ गुणानुवाद हुआ

ध्वजारोहण के साथ ही मंगलाचरण, दीप प्रज्वलन, चित्र अनावरण, मंडप उद्घाटन, ब्रह्मचारिणी भैया, बहन, प्रतिष्ठाचार्य, विद्धतजन और विधान आयोजन कर्ता सपरिवार ने किया। साथ ही विधान आयोजनकर्ता परिवार, स्थानीय समाज द्वारा अतिथियों और विद्वतजनों का सम्मान किया गया और उन्हें आमंत्रण दिया गया। इंद्र प्रतिष्ठा, सकलीकरण के साथ संगीतकार हरजीत एंड पार्टी की संगीतमय मधुर ध्वनि के साथ श्री सिद्ध परमेष्ठी भगवान के गुणों का गुणानुवाद किया गया।

नाटिका के मंचन में भावाभिभूत हुए श्रावक

विधान मंडप के प्रथम वलय में 8 अर्घ्य चढ़ाए गए। सांयकाल आरती भक्ति, गुरु वंदना के बाद स्थानीय महिला मंडल, अंशुल जैन, रवि, संजय, मनीष टीकमगढ़ की पार्टी द्वारा ‘बोया पेड़ बबूल का आम कहां से पाए’ नाटिका का प्रभावी मंचन किया गया।

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