आदिनाथ मंदिर समवशरण मंदिर में विशेष शांति धारा अभिषेक के बाद सर्वतोभद्र विधान पंडाल में आचार्य विद्यासागर जी का पदारोहण दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर पवित्र माताजी के सानिध्य में पंचोरी, जयेश कन्हैयालाल, नानावटी श्रीपाल, बदामी लाल, और सोधर्म इंद्र, कुबेर इंद्र, ईशान इंद्र और भरत चक्रवर्ती के द्वारा अभिषेक एवं शांति धारा का आयोजन किया गया। पढ़िए सुरेश चंद्र गांधी की रिपोर्ट…
नौगामा। आदिनाथ मंदिर समवशरण मंदिर में विशेष शांति धारा अभिषेक के बाद सर्वतोभद्र विधान पंडाल में आचार्य विद्यासागर जी का पदारोहण दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर पवित्र माताजी के सानिध्य में पंचोरी, जयेश कन्हैयालाल, नानावटी श्रीपाल, बदामी लाल, और सोधर्म इंद्र, कुबेर इंद्र, ईशान इंद्र और भरत चक्रवर्ती के द्वारा अभिषेक एवं शांति धारा का आयोजन किया गया। पंडित रमेश चंद्र गांधी, ब्रह्मचारी अनिल भैया, वीना दीदी और प्रियंका दीदी के सानिध्य में नंदीश्वर नव देवता पूजन भी हुआ।
सभी भक्तों ने बड़े श्रद्धा भाव से पूजन में भाग लिया। गीतकार राजेश जैन के मधुर स्वर में भजन और गरबा नृत्य के साथ विधान की आहुति अर्पित की गई। आचार्य विद्यासागर जी महाराज के पधरोहण के अवसर पर महिला मंडल, बालिका मंडल और नव देवताओं ने अष्टद्रव्य से सजे थालों के साथ बड़े भक्ति भाव से पूजन किया। इस दौरान, पवित्रमति माताजी ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि “आज गुरुवार की महिमा विशेष है, क्योंकि यह दिन गौशालाओं और भाग्ययोदय का प्रतीक है। आज हमें यह अवसर मिला है कि हम आचार्य विद्यासागर जी का पदारोहण समारोह मना रहे हैं।” दोपहर में नंदीश्वर विधान के बाद, शाम को महा आरती का आयोजन हुआ, जिसमें पिंडारमिया प्रतीक और रमलाल कचराजी ने बैंड बाजों के साथ घोड़ा बग्गी में बैठकर आरती के थाल के साथ पंडाल में प्रवेश किया।
सभी भक्तों ने बड़े श्रद्धा भाव से आरती की। ब्रह्मचारी अनिल भैया ने आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी की जीवनी पर मंगल प्रवचन किया, और प्रश्न मंच के माध्यम से विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। इस अवसर पर चातुर्मास समिति के अध्यक्ष निलेश जैन और राजेंद्र गांधी ने जानकारी दी कि 18 नवंबर प्रातः बड़ोदिया नगर में विराजमान माताजी का मंगल प्रवेश नौगामा नगर में होगा। वहीं, दोपहर में पीछी एवं सम्मान समारोह का आयोजन होगा। 19 नवंबर को विश्व शांति महायज्ञ, विशाल शोभायात्रा और मंगल कलश स्थापना कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें धर्म प्रेमी बंधुओं द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ मंगल कलश स्थापित किया जाएगा।
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