नौगामा कस्बे में जैन समाज द्वारा पवित्र मति माताजी संघ के सान्निध्य में विशाल दिग्विजय यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा आदिनाथ मंदिर समवरण मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए श्रद्धा और भक्ति का अभूतपूर्व प्रदर्शन करती हुई मंदिर परिसर में वापस लौटी। पढ़िए सुरेश चंद्र गांधी की रिपोर्ट…
नौगामा। नौगामा कस्बे में जैन समाज द्वारा पवित्र मति माताजी संघ के सान्निध्य में विशाल दिग्विजय यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा आदिनाथ मंदिर समवरण मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए श्रद्धा और भक्ति का अभूतपूर्व प्रदर्शन करती हुई मंदिर परिसर में वापस लौटी।
शोभा यात्रा की विशेषताएं
शोभायात्रा में पुरुषों और महिलाओं ने केसरिया वस्त्र धारण किए थे, जबकि पुरुष सफेद वस्त्रों में सजे-धजे हुए थे। यात्रा के दौरान भक्त “भगवान की जय” के जयकारे लगाते हुए पंक्तिबद्ध होकर चल रहे थे। जैन पाठशाला के छात्र अपने हाथों में जैन धर्म ध्वजा लेकर बड़े उत्साह के साथ शोभा यात्रा में भाग ले रहे थे। हर घर के बाहर रंगोली बनाकर यात्रा का स्वागत किया गया। महिलाओं और पुरुषों ने जमकर झूमते हुए गरबा नृत्य किया और भक्ति की लहरों में झूमते हुए शोभायात्रा में भाग लिया। यात्रा के दौरान जोश और उल्लास का वातावरण बना रहा। यात्रा पुनः मंदिर परिसर में पहुंची, जहां यह सभा में परिवर्तित हो गई। इस कार्यक्रम का संचालन पंडित रमेश गांधी ने किया।
सर्वतोभद्र विधान का आयोजन
परम पूज्य पवित्र मति माताजी के सान्निध्य में चल रहे सर्वतोभद्र विधान के सातवें दिन आदिनाथ मंदिर और समवशन मंदिर में शांति धारा और अभिषेक हुआ। इसके बाद सर्वतोभद्र विधान पंडाल में ब्रह्मचार्य अनिल भैया और पंडित रमेश चंद्र गांधी के सान्निध्य में समवशरण में विराजमान प्रतिमाओं का अभिषेक और शांति धारा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर धर्म इंद्र, कुबेर इंद्र और भरत चक्रवर्ती को सम्मानित किया गया। सर्वतोभद्र विधान में भक्ति की स्वर लहरियों के साथ श्रद्धालुओं ने पूजन के अर्घ्य चढ़ाए। इस अवसर पर बांसवाड़ा, डूंगरपुर, परतापुर, भोपाल, इंदौर, आजना, अरथुना आदि स्थानों से आए हुए धर्म प्रेमी बंधुओं ने माताजी को जिनवाणी भेंट की।
सम्मान और आयोजन के अन्य प्रमुख वक्ता: चातुर्मास समिति के अध्यक्ष निलेश जैन, राजेंद्र गांधी, नरेश जैन, भरत पंचोली, राजेश पिंडारमिया ने अतिथियों का सम्मान किया। इसके बाद पारसनाथ कॉलोनी, महावीर कॉलोनी और रत्नत्रय कॉलोनी से आए श्रद्धालुओं ने अष्ट द्रव्य के थाल सजाकर गायक राजेश जैन के मधुर स्वर लहरियों के साथ समवशरण में भगवान को अर्घ्य समर्पित किया और पूजन किया। शाम को महा आरती के बाद इंद्रसभा में भरत बाहुबली का युद्ध, आदि दृश्य का मंचन किया गया, जिससे कार्यक्रम में और भी भव्यता आई।
विशेष उल्लेख
आज की शोभायात्रा के दौरान दिग्विजय यात्रा में घोड़ा-बग्गी और रथ-गाड़ी में कई प्रमुख परिवारों को बैठने का सौभाग्य मिला, जिनमें सुभाष चंद्र नानावटी परिवार, कैलाश पिंडारमियां परिवार, नितेश पिंडारमिया परिवार और विपुल पंचोरी परिवार शामिल थे। यात्रा में भरत चक्रवर्ती अपने कटक के साथ मुकुट बंधे राजाओं के साथ राज दरबार की पोशाक में सेनापति की भूमिका निभाते हुए घोड़े पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले।
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