दिगंबर जैन मंदिर, गायत्री नगर, महारानी फार्म में अष्टान्हिका महापर्व के पावन अवसर पर 8 नवंबर से 15 नवंबर तक अर्हं ध्यान योग प्रणेता परम पूज्य प्रणम्य सागर जी महाराज के द्वारा रचित महामह नंदीश्वर विधान प्रतिदिन प्रातः 7:00 बजे से किया गया, जिसमें नंदीश्वर द्वीप के 5616 अर्घ्य समर्पित किए गए। पढ़िए उदयभान जैन की रिपोर्ट…
जयपुर। दिगंबर जैन मंदिर, गायत्री नगर, महारानी फार्म में अष्टान्हिका महापर्व के पावन अवसर पर 8 नवंबर से 15 नवंबर तक अर्हं ध्यान योग प्रणेता परम पूज्य प्रणम्य सागर जी महाराज के द्वारा रचित महामह नंदीश्वर विधान प्रतिदिन प्रातः 7:00 बजे से किया गया, जिसमें नंदीश्वर द्वीप के 5616 अर्घ्य समर्पित किए गए। अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन युवा परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जी ने बताया कि इस अवसर पर शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी, 14 नवंबर 2024 को 48 दिवसीय भक्तामर पाठ के अंतर्गत घोषित प्रति माह की श्रृंखला में 48 मंत्रित काव्यों के 48 दीपों से दीप अर्चना की गई। दीपार्चना के पश्चात, विधानाचार्य पं. अजीत शास्त्री के निर्देशन में आचार्य प्रवर पूज्य पाद कृत आचार्य श्री 108 विद्यासागर महा मुनिराज द्वारा हिंदी पद्यानुवाद नंदीश्वर भक्ति बड़े धूमधाम से किया गया।
इस अवसर पर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कैलाश छावड़ा, मधु छावड़ा, लता सोगानी, कमला देवी, भावना झांझरी, वीरेंद्र, सुनन्दा अजमेरा, उदयभान जैन, अनिता बड़जात्या, ज्योति जैन, बिमला जैन, अशोक, बिमला बिलाला, कमल जी मालपुरा वाले, अनिल जैन गदिया, समीक्षा गदिया, अजित जी पहाडिया, शिमला पाटनी, निलेश जैन, कुणाल बड़जात्या आदि के साथ अनेकों पुरुष, महिलाएं, बालक-बालिकाएं उपस्थित थे।
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