देष में जातीय जनगणना को लेकर अलग-अलग जाति के अलग-अलग मत हैं। कोई इसके खिलाफ है तो कोई इसकी तरफदारी कर रहा है। इधर, केंद्र सरकार ने एनपीआर लागू करने के लिए मंशा साफ कर दी। ऐसे में सकल जैन समाज को जागरूक करने के लिए अपील करती इंदौर से राजेश जैन दद्दू और डॉ. जैनेंद्र जैन की यह खबरः-
इंदौर। देश में जातीय जनगणना को लेकर अलग-अलग जाति के अलग-अलग मत हैं। कोई इसके खिलाफ है तो कोई इसकी तरफदारी कर रहा है। इधर, केंद्र सरकार ने एनपीआर लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। ऐसे में सकल जैन समाज को भी इसके लिए तैयार रहना चाहिए। केंद्र सरकार ने एनपीआर लागू करने की घोषणा की है। अब देष के हर नागरिक की जनगणना की जाएगी। अतः आप सभी समग्र जैन समाज दिगंबर, श्वेतांबर, स्थानक वासी, तेरापंथ जैन समाज से विश्व जैन संगठन के प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने भारत वर्षीय समग्र जैन समाज से आह्वान किया है कि आगामी भारत सरकार द्वारा जनगणना की जाने वाली है इसलिए समंग्र जैन समाज जनगणना के ’जाति ’वाले कालम में सिर्फ ’जैन’ ही लिखें।
अपने-अपने गोत्र नहीं लिखें। गोधा, सेठी, पाटनी, कासलीवाल गंगवाल, बडजात्या, रामावत, गांधी, हिंगड़, बम, मनावत, सेठिया, पामेचा आदि और कोई गोत्र-टाइटल न लिखें। जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. जैनेंद्र जैन ने कहा कि इस बार की जनगणना में अपनी जैन समाज के जनसंख्या के आंकड़े सरकार तक पहुंचे कि देश में जैन समाज की वास्तविक जनसंख्या कितनी है। हम 45 लाख नहीं 4 करोड़ है। यह तभी संभव है, जब हम गोत्र ना लिखते हुए जाति के कालम में जैन लिखेंगे। ’हम जैन है यह हमें साबित करना है।
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