ऋषभदेव से गिरनार तक 1008 से अधिक भक्त पहुंचे। इनका यहां पहुंचने पर स्वागत किया गया। मंदिर जी में महाशांति धारा हुई। नेमीनाथ विधान में भक्तिमय माहौल में श्रद्धालु झूमने लगे। भक्तों ने तीर्थंकर नेमीनाथ को रजत छत्र भी चढ़ाया। पढ़िए ऋषभदेव से सचिन गंगावत की खबर
ऋषभदेव। सकल दिगम्बर जैन समाज के 1008 से भी ज्यादा भक्त आज तीर्थंकर ऋषभदेव की असीम कृपा एवम राष्ट्रसंत आचार्य गुरुदेव पुलकसागर जी महाराज के आशीर्वाद से आज ऋषभदेव से गिरनार पहुंचे। यात्रा संयोजक मधु सुमेश वाणावत ने बताया कि गिरनार पहुंचने के बाद सभी मुनि भक्तों का स्वागत किया गया। उसके बाद विधानाचार्य सुधीर मार्तंड के नेतृत्व में सर्वप्रथम महाशांतिधारा संघपति प्रदीप मामा प्रतिभा मामी एवं यात्रा संयोजक मधु सुमेश वाणावत परिवार द्वारा की गई। बाद में तीर्थंकर नेमीनाथ विधान का पालिताना से आए मोहित बरोठ एंड पार्टी द्वारा भक्तिमय आयोजन किया गया। विधान में महिलाएं और पुरुषों ने एक जैसे वस्त्र पहन रखे थे।
चांदी का छत्र चढ़ाया
समवशरण मंदिर जी से संघपति मामा-मामी परिवार को रजत रथ में बैठाकर लाव लश्कर के साथ तलहटी मंदिर होते हुए बंदीलाल मंदिर जी तक सभी गुरुभक्त नाचते-झूमते हुए पहुंचे जहा पर तीर्थंकर नेमीनाथ को रजत छत्र चढ़ाया गया। साथ ही यात्रा संयोजक ने बताया कि रात को भव्य भक्ति संध्या का भी आयोजन किया गया।
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