समाचार

अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के मार्गदर्शन में जारी अभियान : शहरवासी उत्साह के साथ जुड़ रहे हैं दिवाली खुशियों वाली अभियान से


दिवाली खुशियों वाली अभियान के तहत अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के मार्गदर्शन में इस वर्ष दीपावली को विशेष रूप से मनाने की तैयारी की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य समाज में सकारात्मकता फैलाना और स्थानीय कुम्हारों को प्रोत्साहन देना है। यह कार्यक्रम श्रीफल जैन न्यूज परिवार, पत्रिका और अंतर्मुखी गुरु भक्त परिवार की सहभागिता से आयोजित किया जा रहा है। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…


इंदौर। दीपोत्सव में घर-आंगन को प्रकाशमय करने के लिए लोग अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। घर, प्रतिष्ठानों की साफ सफाई और रंगाई-पुताई शुरू कर दी गई है। कुंभकार (कुम्हार) मिट्टी के दीये बनाकर उनकी अधिक से अधिक बिक्री की आस लगाए बैठे हैं। इनकी भी दीपावली बेहतर हो, जिसके लिए जरूरी है कि अधिकाधिक लोग चाइना झालरों, अन्य इलेक्ट्रिक रोशनी और मोमबत्ती का उपयोग छोड़कर मिट्टी के दीयों का उपयोग करें। इससे मिट्टी से दीपक बनाने वाले तमाम कारीगरों को रोशनी के पर्व पर खुशियां मिल सकेंगी।

अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज की प्रेरणा से धार्मिक श्रीफल और अंतर्मुखी गुरु भक्त परिवार इसके लिए आगे आया है। पत्रिका की सहभागिता के साथ दिवाली खुशियों वाली’ से मिट्टी के दीयों की बिक्री को लेकर कदम बढ़ाया है। स्थानीय स्तर पर हाथ से बने सजावटी सामान की बिक्री में भी मदद कर सकते हैं।

दिवाली खुशियों वाली में शहरवासियों ने खासा उत्साह दिखाया। कई जगह दानदाता आगे आए और जरूरतमंद परिवारों की दीपावली खुशियों वाली करने में भागीदारी निभाई। जरूरतमंद परिवारों में वितरित किए, जो अब इनकी बिक्री करेंगे। साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों व समाज के प्रबुद्धजनों ने हस्तनिर्मित सजावटी सामान व मिट्टी से बने दीपक ही दीपोत्सव में उपयोग करने का संकल्प लिया। श्रीफल परिवार से कार्यक्रम संयोजक रेखा संजय जैन, कमलेश जैन, संजय पापड़ीवाल ने संकल्प दिलाया।

लिया संकल्प

नगर सुरक्षा समिति थाना तिलक नगर इलाके में राजेश जैन के निर्देशन में आसपास के रहवासियों ने संकल्प लिया कि इस दीपोत्सव हाथ से निर्मित वस्तुओं की खरीदारी ही करेंगे उन परिवारों की भी मदद करेंगे, जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। बतौर मदद उन्हें दीपक खरीद कर दिए जाएंगे, ताकि वे स्वावलंबन की भावना के साथ दीपोत्सव की खुशियां दोगुनी कर सकें। यहां समिति के वीरेंद्र जैन, चंदशेखर पाल, गौरव जैन, प्रवीण जैन, संजय जैन, अशोक पांचाल, रुचिर खरे, लोकेश देवले, लता वर्मा सहित कई सदस्य उपस्थित थे।

बच्चे व शिक्षक आए आगे

प्रगति कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल स्मृति नगर के बच्चों और स्कूल के शिक्षकों ने भी अभियान में भागीदारी का संकल्प लिया। स्कूल संचालक संजय कासलीवाल के सान्निध्य में सभी ने मिट्टी के दीपक से घर रोशन करने और दिवाली खुशियों वाली में अधिकाधिक जरूरतमंदों की मदद का संकल्प लिया।

स्वदेशी सामान खरीदने की शपथ

विजय नगर स्थित मंगल सिटी परिसर में सामाजिक सरोकार से जुड़ी संस्था केसरी ने अभियान से जुड़कर इस दिवाली पर स्वदेशी सामान खरीदने की शपथ ली। सदस्यों ने कहा कि जरूरतमंदों सहित शहर के स्थानीय बाजार से हस्तनिर्मित वस्तुएं ही खरीदेंगे। इस पहल से स्थानीय छोटे कारोबारियों को बहुत लाभ होगा और उनकी दिवाली अच्छी मनेगी। संस्था के राहुल जैन, प्रिंस जैन, अंशुल नायक दिपेश भट्ट, सोनू सोनी, राजेश महालक्ष्मी. सचिन जैन, वैभव जैन, राजीव जैन आदि उपस्थित रहे।

दानदाताओं का दीपक दान, बिक्री के लिए सौंपे
अभियान के तहत गुरुवार को अंतर्मुखी पूज्य सागर महाराज की प्रेरणा से सूरजमल – सुशीला, संजय कुमार- रेखा, अर्पित कार्तिक जैन (पाटनी) परिवार, रिटायर्ड डीएसपी डीके जैन व माला जैन, सुरेश, इंदिरा, कमलेश, टीना, प्रियांशी पार्थ जैन परिवार और प्रफुल्ल जैन ने दीपक जरूरतमंद परिवारों के लिए दिए। बाद में बिक्री के लिए इन्हें हरिशंकर कुशवाहा और अभिषेक उमेश वर्मा को वितरित किए।

10 हजार दीपक खरीदे

कालानी नगर के गुप्ति सदन में अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के सानिध्य में ‘दिवाली खुशियों वाली’ अभियान के तहत जरूरतमंदों को 3,000 दीपक वितरित किए गए। इस पहल में रेणुका चौहान, बंटी नीलकंठ, श्यामलाल भोलादे, पूजा प्रजापति, विमला ठाकुर और कमला मिश्रा को 500-500 दीपक दिए गए, जिन्हें बेचकर ये सभी अपनी दिवाली मनाएंगे। वहीं जितेन्द्र प्रजापत से 10,000 दीपक खरीदे गए। इस अभियान में पवन गुंजन पाटोदी ने 5,000 दीपक और विनीता विनीत जैन ने 1,000 दीपक दान किए। कार्यक्रम में उषा पाटनी, परमपूज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी से रूपाली जैन, सुरभि डोशी, संजय पापड़ीवाल, टीना जैन, विनोद जैन, सुनील बांझल और संगीता पाटोदी उपस्थित रहे।

नए तरीके से सजेगा घर स्वदेशी को बढ़ावा

हर साल दिवाली, देवउठनी एकादशी जैसे त्योहारों पर हर घर में दीये लगाए जाते हैं। ऐसे में अधिक मात्रा में मिट्टी के दीये खरीदकर परिचितों को उपहार में दे सकते हैं। इन्हें रंग, स्टोन्स या मोती से सजा सकते हैं। इससे घर का हर कोना भी जगमगा उठेगा। मिट्टी के दीये स्वदेशी की भावना को बढ़ावा देते हैं। मिट्टी के दीये ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होंगे तो आयातित चीनी सामान बिकना खुद ब-खुद कम हो जाएगा। बिक्री बढ़ने से कुम्हार को काम मिलेगा और देश का धन देश में ही रहेगा। रोजगार की कमी भी नहीं होगी। मिट्टी के दीये अब दूर होते जा रहे हैं। इनकी जगह चाइनीज झालरों, इलेक्ट्रिक रोशनी और मोमबत्ती ने ले ली है, जिससे पर्यावरण दूषित होती है। बिजली की ज्यादा खपत होती है और सेहत के लिए भी हानिकारक है। मिट्टी के दीपक को बनाने व उसी से जीवन चलाने वाले कुम्हारों की दीपावली फीकी पड़ने लगी है। इससे उनका रोजगार भी जा रहा है, जो दीपक खरीदकर उन्हें बेच दीपावली पर कुछ कमाने की आस रखते हैं। मिट्टी के दीपकों के उपयोग से पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा, अपितु मिट्टी के बर्तन और दीपक से जुड़े कारीगरों व विक्रेताओं की दीपावली जरूर प्रकाश से रोशन हो सकेगी।

सौभाग्य में करते हैं वृद्धि

इस मौके पर अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज ने कहा कि पारंपरिक मिट्टी के दीये का अपना महत्व है। ये जहां सौभाग्य की वृद्धि करते हैं, वहीं पराक्रम को भी बढ़ाते हैं। हुनरमंदों को प्रोत्साहन व बेरोजगारों को रोजगार का मौका देने ‘दिवाली खुशियों वाली अभियान शुरू किया है। कुम्हार से दीये बनवाकर पैसे कमाने का अवसर दिया है। उन्हीं दीयों को गरीबों में मुफ्त बांटकर हर घर में 10 दीपक बेचने को कहा है, ताकि उन्हें सम्मानपूर्वक जीने का मौका मिल सके।

यहां कर सकते हैं संपर्क

अभियान से जुड़ने के लिए समाजसेवी व शहर वासी मोबाइल नंबर 9460155006 पर संपर्क कर सकते हैं। दीपक खरीद कर उन जरूरतमंद परिवारों में वितरित कर सकते हैं, जो इन्हें बेच कर दीपोत्सव की खुशियां मना सकें।

आप को यह कंटेंट कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
+1
6
+1
0
+1
0

About the author

Shreephal Jain News

Add Comment

Click here to post a comment

You cannot copy content of this page

× श्रीफल ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें