परम पूज्य पवित्र मति माताजी के सानिध्य में भगवान मुनि सुव्रतनाथ अष्ट निवारक का महामंत्र जाप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रातः आदिनाथ मंदिर, भगवान महावीर समवशरण मंदिर और नसियाजी में भगवान खड्गासन की प्रतिमा का अभिषेक किया गया, जिसके बाद शांतिधारा का आयोजन किया गया। पढ़िए सुरेश चंद्र गांधी की रिपोर्ट…
नौगामा। गुरुवार को परम पूज्य पवित्र मति माताजी के सानिध्य में भगवान मुनि सुव्रतनाथ अष्ट निवारक का महामंत्र जाप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रातः आदिनाथ मंदिर, भगवान महावीर समवशरण मंदिर और नसियाजी में भगवान खड्गासन की प्रतिमा का अभिषेक किया गया, जिसके बाद शांतिधारा का आयोजन किया गया। शांति विधान में पंडित रमेश चंद्र गांधी ने भक्ति संगीत के साथ बड़े श्रद्धा भाव से शांति विधान के अर्घ्य चढ़ाए। प्रवक्ता सुरेश गांधी ने बताया कि गुरुवार को सुखोदय तीर्थ जी में 1008 भगवान मुनि सुव्रतनाथ की प्रतिमा निर्माणाधीन जिनालय की मूल वेदी पर विराजमान होनी थी।
लेकिन मध्य प्रदेश राज्य के अंतिम छोर तक पहुंचने के बाद प्रतिमा नगर तक नहीं पहुंची, जिसके कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। आदिनाथ मंदिर में शांति विधान के बाद, धर्म प्रेमी बंधुओं द्वारा सुखोदय तीर्थ में भगवान मुनि सुव्रतनाथ मंत्र का जाप किया गया। कार्यक्रम के दौरान, प्रतिमा विराजमान होने का समय 11 बजे निर्धारित था, और इसी समय मंत्रों का जाप किया गया। सभी ने भगवान से शीघ्र प्रतिमा के निर्माण और वेदी पर विराजमान होने की कामना की।
पवित्र मति माताजी ने कहा, “घटनाएं और दुर्घटनाएं होती रहती हैं, हमें घबराना नहीं चाहिए। हम सब भगवान से प्रार्थना करें कि अति शीघ्र प्रतिमा बनकर आ जाए।” इस अवसर पर रमेश गांधी, श्रीपाल नानावटी, और सुभाष नानावटी ने भी अपने विचार साझा किए।
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