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ज्योतिषाचार्य डॉ. जैन धर्मनिष्ठ, वाणीभूषण की उपाधि से सम्मानित : अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद के चतुर्थ स्थापनादिवस का आयोजन संपन्न – आगरा


मुरैना, आगरा में अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद के चतुर्थ स्थापनादिवस का आयोजन परम पूज्य उपाध्याय मेडिटेशन गुरु श्री विहसंत सागर जी महाराज जी के सानिध्य में 17 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन हुआ। इसमें 100 से अधिक ज्योतिष विद्वानों ने लिया भाग। पढ़िए मनोज जैन नायक की यह विशेष रिपोर्ट….


मुरैना, ताज की नगरी आगरा में अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद के चतुर्थ स्थापनादिवस का आयोजन परम पूज्य उपाध्याय मेडिटेशन गुरु श्री विहसंत सागर जी महाराज जी के सानिध्य में 17 अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन हुआ।

100 से अधिक ज्योतिष विद्वानों ने लिया भाग

इस अवसर पर भारत के मुंबई, दिल्ली, जयपुर, किशनगढ़, मेरठ, ग्वालियर, जबलपुर, वापी, भोपाल, सूरत, आगरा आदि शहरों के 100 से अधिक ज्योतिष विद्वानों ने भाग लिया और अपने ज्योतिष पर अलग अलग विचार रखे।

डॉ हुकुमचंद जैन ने ज्योतिष विषय पर दिया उद्वोधन

ग्वालियर शहर से ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने भी अपना ज्योतिष विषय पर उद्वोधन देते हुए कहा कि आज कल ज्योतिष विद्वान मंगल,कालसर्प योग, शनि साढ़ेसाती,आदि को प्रमुखता से बताते हैं लेकिन उसका उपाय प्रोपर और सटीक पूछने वाले को नहीं देते इसलिए ज्योतिष के प्रति व्यक्ति भ्रमित है।जबकि ज्योतिष शास्त्रों में जब जब गोचर वस या महादशा,अंतर्दशा में अशुभ ग्रह भ्रमण करते हैं तो व्यक्ति को नाना प्रकार के कष्ट से बचने के सरल मंत्र जाप,उपाय वर्णित है जिनसे ग्रह पीड़ा शांत होती हैं। राहु केतु पीड़ा, मंगली पत्रिका, पितृ दोष, कालसर्प योग दोष के अनेक सरल उपाय है उन्हें विद्वानों को बताना चाहिए ओर समय के साथ उनमें प्रयोग करना चाहिए।

खुला प्रश्न मंच भी हुआ

कुछ ज्योतिष विद्वानों और आम जनता ने भी ज्योतिषाचार्य से खुले मंच पर प्रश्न किए जैसे मंगली पत्रिका का जीवन पर असर, कालसर्प या पितृ दोष के उपाय से शांति संभव है क्या ग्रहण का मनुष्य जीवन और तेजी मंदी पर कैसे असर होता है या नहीं इसे माने या नहीं आज के समय में इस पर ज्योतिषाचार्य जैन ने कहा कि ग्रह गौचर और ग्रहण सभी चर अचर पर अपना असर उनकी राशि, नक्षत्र के अनुसार अच्छा बुरा प्रभाव डालते हैं उनके उपाय पर भी प्रकाश डाला।

हुआ सम्मान

इस अवसर पर ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन को अर्पित मय पावन वर्षायोग समिति, ग्रेटर कमला नगर आगरा उत्तरप्रदेश ने उन्हें धर्मनिष्ठ, विभूषण, सरल स्वभावी ज्योतिष विद्वान की उपाधि से सम्मानित किया।

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