शरद पूर्णिमा पर आचार्य विद्यासागर जी महाराज जी के चित्र के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। तत्पश्चात दिगंबर जैन सोशल ग्रुप विद्यासागर के सदस्यों ने आचार्य श्री जी की बड़े ही भक्ति भाव से आठ द्रव्यों से पूजन की। पढ़िए सतीश जैन की रिपोर्ट
इंदौर। मुनिश्री विनम्र सागर जी महाराज ने कहा कि आज शरद पूर्णिमा के दिन तीन-तीन महान आत्माओं का जन्म दिवस है। आर्यिका ज्ञानमती माताजी से आचार्य विद्यासागर जी महाराज 12 वर्ष छोटे हैं, और नवाचार्य समय सागर जी महाराज आचार्य श्री से 12 वर्ष छोटे हैं। मुनि श्री ने कहा कि गुरुदेव हमेशा प्रेम में जीते रहे। उनका प्रेम देश में बनी 350 गौशालाओं में देखिए जहां 5 लाख संघी – पंचेंद्रिय जीवों को भोजन मिल रहा है, पानी मिल रहा है। उनकी प्रेम की संवेदनशीलता तो देखिये, उन्होंने कितने श्राविका आश्रम बनवा दिए। किसी की जिंदगी संवारने के लिए दिन का समय देना तो सरल है किंतु रात का समय देना बड़ी बात है। गुरुदेव ने तिलवारा घाट में गौशाला बनाने के लिए अपनी कई रातें दी। पूरे समाज को अनुशासन सिखाया।
हमारे साथ ही हजारों हजार गृहस्थ भी उनकी कृपा पाकर धन्य हो गए। उन्होंने कहा कि इंदौर आकर मैंने इतनी बड़ी सभ्य, संस्कारित समाज देखी, मैंने बहुत कुछ सीखा। प्रेम के माध्यम से बहुत बड़े-बड़े कार्य हो जाते हैं। आज गुरुदेव नहीं है वह जहां से भी अवधी ज्ञान से हमें देख रहे होंगे, तो बहुत खुश हो रहे होंगे। मेरे जाने के बाद भी मेरे शिष्य मेरी भक्ति कर रहे हैं। मुनिवर कहते हैं कि गुरु बनना सबसे खतरनाक बात है। दुनिया भर के लोग एक गुरु से जुड़ते हैं उनकी श्रृद्धाएं अलग-अलग होती हैं और अपेक्षाएं बहुत अधिक होती हैं। कहा कि इतिहास सबूत मांगता है, सबूत देने के लिए एक सर्वतोभद्र जिनालय का निर्माण जरूरी है, इससे जिन शासन अगले 3000 वर्ष तक सुरक्षित रहेगा। समझो इससे हम सब की श्रद्धांजलि गुरुदेव तक पहुंच गई।
आचार्य विद्यासागर जी महाराज जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया
प्रातः 64 रिद्धि विधान अविनाश भैया जी के द्वारा करवाया गया। मुख्य पात्र मनोज बाकलीवाल, मनीष नायक इंजीनियर अजीत जैन के परिवार द्वारा एक बड़ी राशि दान में देने की घोषणा की गई। आचार्य विद्यासागर जी महाराज जी के चित्र के समक्ष अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। तत्पश्चात दिगंबर जैन सोशल ग्रुप विद्यासागर के सदस्यों ने आचार्य श्री जी की बड़े ही भक्ति भाव से आठ द्रव्यों से पूजन की। इस अवसर पर श्री संदीप जैन, सरदार मल जैन, सचिन जैन, राकेश सिंघई, आनंद जैन, शिरीष अजमेरा, भरत जैन, आर के जैन, अरविंद जैन सर, सुनील जैन सहित बहुत अधिक संख्या में समाज जन मौजूद थे। प्रातः 10 बजे से शहर के 21 विशेषज्ञ डॉक्टरों ने मरीजों की जांच की। सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने इसका लाभ उठाया। रात्रि में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी हुआ।
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