शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की चांदनी में जाप करने से देवी सरस्वती प्रसन्न होती हैं और बुद्धि प्रखर होती है। इस विशेष रात को कौन सा जाप करना चाहिए, यह जानना महत्वपूर्ण है। विधिपूर्वक किए गए इन जपों से ज्ञान का क्षयोपाशम बढ़ता है। पढ़िए यह विशेष आलेख….
शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की चांदनी में जाप करने से देवी सरस्वती प्रसन्न होती हैं और बुद्धि प्रखर होती है। इस विशेष रात को कौन सा जाप करना चाहिए, यह जानना महत्वपूर्ण है। विधिपूर्वक किए गए इन जपों से ज्ञान का क्षयोपाशम बढ़ता है।
आज के दिन चंद्रप्रभ भगवान और देवी सरस्वती का जाप किया जाता है। इस अवसर पर शुद्ध सफेद कपड़े पहनकर द्रव, क्षेत्र, काल, और भाव की शुद्धि के साथ जाप करना आवश्यक है। शुद्धि की जितनी अधिक मात्रा होगी, ज्ञान का क्षयोपाशम उतना ही बढ़ेगा।
इस जाप को कम से कम 10 माला अवश्य करना चाहिए और इसे पूर्व की ओर मुख करके करना चाहिए। आप निम्नलिखित विधि से जाप कर सकते हैं:
1.एक कांसे की थाली में सुगंधित द्रव्य से मंत्र लिखें।
2. फिर सुगंधित पुष्पों के साथ 1008 बार मंत्र का जाप करें।
3. शरद पूर्णिमा के दिन मेवा की खीर बनाएं।
4. अगले दिन वही मेवा की खीर खाएं और अन्य कुछ न खाएं, इससे सरस्वती प्रसन्न रहेंगी और बुद्धि प्रबल होगी।
आप नीचे दिए गए चार मंत्रों में से किसी एक का जाप अवश्य करें:
1. ॐ र्हीं श्रीं क्लीं ऐं हंसवाहिनी मम् जिह्वाग्रे आगच्छ आगच्छ स्वाहा।
2. ॐ र्हीं वदवद वाग्वादिनी तुभ्यं नमः।
3. ऊँ नमो भगवते चन्द्रप्रभ जिनेन्द्राय चन्द्रमहिताय चन्द्रकीर्ति मुखरंजनी स्वाहा।
4. ॐ अर्हन् मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयंकरी श्रुत ज्ञान ज्वाला सहस्र प्रज्वलते सरस्वती मत्पापं हन हन दह दह पच पच क्षां क्षीं क्षूं क्षौं क्ष: क्षीर वर धवले अमृत संभवे वं वं हुं हुं स्वाहा।
इन विधियों और मंत्रों का पालन करके आप इस शरद पूर्णिमा पर देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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