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धर्म सभा में हुए प्रवचन : संसार में सबसे बड़ा दुख का कारण परिग्रह- पवित्रमति माताजी


नोगामा, परम पूज्य पवित्रमति माताजी ससंघ के चातुर्मास के रविवार्य प्रवचन माला के आज के दिन प्रातः सुखोदय तीर्थ नसिया जी 1008 भगवान महावीर समवशरण आदिनाथ मंदिर में विशेष शांति धारा, अभिषेक, पूजन छात्रों द्वारा की गई। छात्रों को गांधी पंकज कुमार मोतीलाल की ओर से पुरस्कार वितरण किए गए। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट जैन समाज प्रवक्ता सुरेश चंद्र गांधी…


नोगामा, परम पूज्य पवित्रमति माताजी ससंघ के चातुर्मास के रविवार्य प्रवचन माला के आज के दिन प्रातः सुखोदय तीर्थ नसिया जी 1008 भगवान महावीर समवशरण आदिनाथ मंदिर में विशेष शांति धारा अभिषेक के बाद जैन पाठशाला के छात्रों द्वारा पंडित रमेश चंद्र गांधी कुसुमलता नानावटी के सानिध्य में चातुर्मास पंडाल में सामूहिक रूप से पूजन की गई। पूजन के पश्चात सभी छात्रों को गांधी पंकज कुमार मोतीलाल की ओर से पुरस्कार वितरण किए गए। माताजी का चातुर्मास पंडाल मैं आगमन हुआ। बिंदिया पंचोरी द्वारा मंगलाचरण किया गया।

स्वागत की श्रृंखला 

मंगलाचरण के पश्चात बाहर से पधारे हुए अतिथियों का चातुर्मास समिति अध्यक्ष निलेश जैन, उपाध्यक्ष राजेंद्र गांधी, नरेश जैन महेंद्र गांधी, अंतिम बाला गांध, विमला पंचोरी, भारती पंचोरी, मुकेश गांधी द्वारा महिलाओं एवं पुरुषों का स्वागत पगड़ी पहनाकर दुपट्टा उड़ा कर माला पहनाकर किया गया।

धर्म सभा में हुए प्रवचन 

उपस्थित सभी धर्म प्रेमी बंधुओ द्वारा माताजी को प्रवचन हेतु श्रीफल चढ़ाकर विनती की गई पवित्रमति माताजी करणमती माताजी, गरिमामति माताजी का मंगल प्रवचन हुआ माताजी ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि संसार में मनुष्य के दुखों का सबसे बड़ा कारण है परिग्रह इन दुखों को मिटाने के लिए हमें परीग्रह कम करना है एवं पर्रिॻह का परिमाण करना है साथ ही माताजी ने बताया कि आजकल मोबाइल का दुरुपयोग बढ़ता जा रहा है चाहे महिला हो पुरुषों छोटे बच्चे हो युवा हो दिन भर एक ही काम रहता है मोबाइल देखना और मोबाइल से कहीं दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं, माताजी ने कहा कि आगामी दिनों में पिच्छी परिवर्तन, सर्वतो भद्र विधान एवं दीक्षा जयंती बड़े हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाना है चातुर्मास का समय कम ही बचा है जितना धर्म का लाभ ले सको लेना है।

कार्यक्रम का संचालन दीपक पंचोरी द्वारा किया गया।

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