तेजी से बदलती जीवनशैली, तकनीकी उपकरणों का बढ़ता उपयोग और समय की कमी ने लोगों की नींद पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। खासकर बच्चों में यह समस्या गंभीर होती जा रही है। बच्चों की नींद की कमी न केवल उनके शारीरिक विकास को प्रभावित करती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालती है। पढ़िए रेखा संजय जैन की विशेष प्रस्तुति
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