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जन्मभूमि पर वर्णी स्मारक का लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न : विद्वत संगोष्ठी और स्नातक सम्मेलन के साथ मनाई गई वर्णी जयंती


 श्री गणेश प्रसाद वर्णी की 151वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में वर्णी भवन मोराजी में विविध कार्यक्रमों के साथ भव्य आयोजन किया गया। सुबह प्रभात फेरी, ध्वजारोहण और श्री गणेश प्रसाद वर्णी की प्रतिमा के समक्ष विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसके बाद दोपहर 1 बजे से विद्वत संगोष्ठी और स्नातक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें मोराजी संस्कृत महाविद्यालय के स्नातक छात्र और ख्यातिप्राप्त विद्वानों ने भाग लिया। पढ़िए मनीष विद्यार्थी की रिपोर्ट…


सागर। श्री गणेश प्रसाद वर्णी की 151वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में वर्णी भवन मोराजी में विविध कार्यक्रमों के साथ भव्य आयोजन किया गया। सुबह प्रभात फेरी, ध्वजारोहण और श्री गणेश प्रसाद वर्णी की प्रतिमा के समक्ष विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसके बाद दोपहर 1 बजे से विद्वत संगोष्ठी और स्नातक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें मोराजी संस्कृत महाविद्यालय के स्नातक छात्र और ख्यातिप्राप्त विद्वानों ने भाग लिया।

श्री संस्कृत दिगंबर जैन महाविद्यालय, जिसकी स्थापना 1908 में पूज्य वर्णी जी ने की थी, में शाताधिक विद्वानों की उपस्थिति में मंगलाचरण, दीप प्रज्वलन और चित्र अनावरण के साथ विद्वानों का स्वागत किया गया। मंच पर प्रतिष्ठित विद्वान डॉ. भागचंद भास्कर (नागपुर), डॉ. हरिशचंद्र जैन (मुरैना), पंडित जीवंधर जी (जबलपुर), पंडित जयंत शास्त्री (सीकर), पंडित ज्ञानचंद व्याकरणाचार्य, और पंडित विजय शास्त्री (सागर) उपस्थित रहे। वर्णी संस्थान विकास सभा के पदाधिकारियों द्वारा विद्वानों का सम्मान माला, अंगवस्त्र, बैग और स्मृति चिन्ह देकर किया गया। विद्वानों ने पूज्य गणेश प्रसाद वर्णी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके बाद, डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के डॉ. पंकज तिवारी, प्रो. अभय सिंघई, और डॉ. संजीव सराफ के निर्देशन में बनाई गई वर्णी डॉक्यूमेंट्री का लोकार्पण किया गया।

कार्यक्रम का संचालन मुख्य संयोजक चंद्रेश शास्त्री ने किया और आभार संजय शास्त्री ने व्यक्त किया। शाम 7 बजे भाग्योदय तीर्थ में सभी विद्वानों ने निर्यापक मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया और शंका समाधान कार्यक्रम में प्रश्न पूछने का अवसर प्राप्त किया।

द्वितीय दिवस पर आयोजन

सुबह 10 बजे पूज्य वर्णी जी की जन्मस्थली हंसेरा मड़ावरा में नवनिर्मित स्मारक का लोकार्पण पंडित देवेंद्र शास्त्री (सोरई) के निर्देशन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मूर्ति का अनावरण किया गया और ग्रामवासियों ने वर्णी जी की आरती उतारी। समिति द्वारा मिष्ठान वितरण और वरिष्ठ ग्रामवासियों का सम्मान किया गया। मनीष विद्यार्थी ने बताया कि पूज्य वर्णी जी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों को ध्यान में रखते हुए, नवनिर्मित वर्णी स्मारक में बाल संस्कार केंद्र की शुरुआत की जाएगी, जहां बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दी जाएगी। दोपहर 2 बजे आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री अक्षय सागर जी महाराज के सान्निध्य में विद्या वाटिका मड़ावरा में वर्णी जी के व्यक्तित्व पर परिचर्चा गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर विद्वानों और श्रेष्ठियों ने वर्णी जी के व्यक्तित्व पर अपने विचार व्यक्त किए। गोष्ठी का संचालन चंद्रेश शास्त्री ने किया और कार्यक्रम संयोजक राजकुमार जैन ने आभार व्यक्त किया। अंत में, मुनिश्री ने वर्णी जी के जीवन पर आचार्य श्री विद्यासागर जी के संस्मरण सुनाए और उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की बात कही। कार्यक्रम में मुख्य रूप से त्रिलोक शास्त्री (बड़ागांव), राजेंद्र जैन (दलपतपुर), संजय शास्त्री, कैलाश जैन, कडोरी लाल वण्डा, डी. के. सराफ, सनत जैन, राजकुमार शास्त्री (नेहानगर), अजित जलज (टीकमगढ़), सुरेश शास्त्री (रामपुरा), और कमलेश जेरा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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