जैन साध्वी आर्यिका माताजी की संल्लेखना समाधि पोन्नुर मलाई (चेन्नई) में हो चुकी है। लोहिया बाजार, मुरैना निवासी श्रीमती सरला देवी जैन ने आज से एक वर्ष पूर्व जैन साध्वी बनकर क्षुल्लिका दीक्षा ग्रहण की थी। अपने जीवन के अंतिम दिनों में, दो-तीन दिन पूर्व ही उन्होंने दिगंबराचार्य सुविधिसागर जी महाराज से आर्यिका दीक्षा ली थी। पढ़िए मनोज जैन नायक की रिपोर्ट…
मुरैना। जैन साध्वी आर्यिका माताजी की संल्लेखना समाधि पोन्नुर मलाई (चेन्नई) में हो चुकी है। लोहिया बाजार, मुरैना निवासी श्रीमती सरला देवी जैन ने आज से एक वर्ष पूर्व जैन साध्वी बनकर क्षुल्लिका दीक्षा ग्रहण की थी। अपने जीवन के अंतिम दिनों में, दो-तीन दिन पूर्व ही उन्होंने दिगंबराचार्य सुविधिसागर जी महाराज से आर्यिका दीक्षा ली थी। मुरैना के राजीव जैन टीटू द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पोन्नूर मलाई (चेन्नई) में 22 सितंबर को दोपहर 3:25 बजे, आचार्य श्री सुविधिसागर जी महाराज के पावन सान्निध्य में आर्यिका सुकुंधकुंद मति माताजी की संल्लेखना समाधि संपन्न हुई।
ज्ञातव्य है कि समाधिस्थ आर्यिका सुकुंधकुंद मति माताजी (पूर्व में श्रीमती सरला जैन) मुरैना निवासी स्व. श्री रामरतन जैन भंडारी (गोसपुर वाले) की पुत्रवधु थीं। साथ ही, वे स्व. मुनिश्री शुभूषणसागर जी महाराज की धर्मपत्नी, एवं श्री वीरेंद्र जैन, ओमप्रकाश जैन, और रविंद्र जैन की भाभी थीं।
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