धर्म नगरी वर्णीनगर मड़ावरा में संत शिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के शिष्य एवं नवाचार्य श्री समयसागर महाराज के मंगल आशीर्वाद से आचार्य विद्यासागर दयोदय गौशाला एवं पर्यावरण केंद्र मड़ावरा के मार्गदर्शक दक्षिण गौरव मुनिश्री अक्षयसागर महाराज एवं ऐलक श्री उपशमसागर महाराज (ससंघ) के पावन सानिध्य में नगर की ह्दय स्थली श्री महावीर विद्या विहार में धर्म प्रभावना पूर्वक वर्षायोग चल रहा है। पढ़िए राजीव सिंघाई रिपोर्ट…
मड़ावरा(ललितपुर)। धर्म नगरी वर्णीनगर मड़ावरा में संत शिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के शिष्य एवं नवाचार्य श्री समयसागर महाराज के मंगल आशीर्वाद से आचार्य विद्यासागर दयोदय गौशाला एवं पर्यावरण केंद्र मड़ावरा के मार्गदर्शक दक्षिण गौरव मुनिश्री अक्षयसागर महाराज एवं ऐलक श्री उपशमसागर महाराज (ससंघ) के पावन सानिध्य में नगर की ह्दय स्थली श्री महावीर विद्या विहार में धर्म प्रभावना पूर्वक वर्षायोग चल रहा है।
पर्युषण पर्व में संगीतमयी पूजन एवं सायंकालीन आरती जैन युवा जागृति सेवा समिति के म्यूजिक डायरेक्टर धर्मेंद्र सराफ के निर्देशन में आयोजित की जा रही है।धर्मसभा के पूर्व श्रेष्ठीजनों ने आचार्य श्रेष्ठ 108 विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्ज्वलित किया।स्वाध्याय का नियम लेने वाली पाठशाला की बालिकाओं ने मुनिसंघ को शास्त्र भेंट किया।पर्यूषण महापर्व के नवमें दिन उत्तम आकिंचन्य के दिन धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री अक्षय सागर महाराज ने कहा कि आकिंचन्य धर्म आत्मा की उस दशा का नाम है जहां बाहरी सभी को छूट मिलती है, आंतरिक संकल्प की आवश्यकता को भी विश्राम मिल जाता है। बाहरी परित्याग के बाद भी मन में ‘मैं’ और ‘मेरे पन’ का भाव निरंतर रहता है, जिससे आत्मा पिरोती है और मुक्ति की ऊर्ध्वगामी यात्रा नहीं कर पाती।परिग्रह का त्याग कर परिणामों को आत्म दर्शन करना ही अकिंचन्य धर्म की धारा है।परिग्रह के प्रति राग का भाव जब छूट जाता है, तब उत्तम आकिंचन्य धर्म प्रगट होता है।
बताते चलें दशलक्षण पर्व के नवमें दिन समवशरण महामंडल विधान में सौधर्मइंद्र बनने एवं शांतिधारा करने का सौभाग्य पन्ना लाल,नीरज जैन बजाज परिवार को प्राप्त हुआ।कुवेर इंद्र बनने का सौभाग्य अजित कुमार,अंकुर जैन स्टील हाउस परिवार, पं० संतोष शास्त्री, संभव जैन,दीपक सेठी के परिवार को प्राप्त हुआ।समोशरण में चारों दिशाओं में इंद्र बनने का सौभाग्य राकेश जैन दुकान वाले,राजेंद्र जैन दद्दी,अशोक कपासिया, विजय जैन मुंबई को सौभाग्य प्राप्त हुआ।रात्रि में आचार्य विद्यासागर संस्कार वर्णी पाठशाला के नन्हें-मुन्हें बच्चों ने शिक्षाप्रद नाटिका प्रस्तुत की।कार्यक्रम का संचालन संघस्थ ब्रह्मचारी भैया राजेश जैन खामगांव ने किया।
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