ऋषभदेव से 22 किमी दूरी पर स्थित 11वीं शताब्दी का अतिप्राचीन मन्दिर श्री दिगम्बर जैन निज मन्दिर जवास में पर्युषण पर्व पर धर्म कार्यक्रम हो रहे हैं। प्रतिदिन प्रातः श्रीजी का अभिषेक एवं शान्तिधारा की जा रही है। चूंकि जवास में एक भी जैन परिवार निवासरत नहीं है। अतः उक्त कार्य अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद ऋषभदेव द्वारा किया जा रहा है। पढ़िए सचिन जैन गंगावत की विशेष रिपोर्ट
ऋषभदेव। ऋषभदेव से 22 किमी दूरी पर स्थित 11वीं शताब्दी का अतिप्राचीन मन्दिर श्री दिगम्बर जैन निज मन्दिर जवास में पर्युषण पर्व पर धर्म कार्यक्रम हो रहे हैं। प्रतिदिन प्रातः श्रीजी का अभिषेक एवं शान्तिधारा की जा रही है। चूंकि जवास में एक भी जैन परिवार निवासरत नहीं है। अतः उक्त कार्य अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद ऋषभदेव द्वारा किया जा रहा है। युवा परिषद के अध्यक्ष अतुल अकोत एवं महामंत्री पुष्पदन्त मेहता ने बताया कि पर्युषण पर्व पर 10 दिनों तक नियमित कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
श्रीजी पर शान्तिधारा 185 शान्तिधाराकर्ता परिवार के नाम से की जा रही है। शान्तिधारा के प्रभारी एवं प्रदेश संयुक्त महामंत्री सचिन कुमार जैन ने बताया कि अमित गनोडिया परिवार द्वारा आज यहां पंचामृत अभिषेक भी किया गया। उसी प्रकार कल जवास में पूर्व निवासी जमनालाल जैन और नितिश जैन के द्वारा विधान आयोजित करवाया गया तथा योगेश गांगावत परिवार द्वारा मन्दिर जी पर ध्वजा फहराई गई। युवा परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरव वालावत, उपाध्यक्ष आषीश गांधी एवं अंकित भाणावत ने बताया कि जवास का मन्दिर अत्यन्त प्राचीन है।
यह माना जाता है कि यह मन्दिर ऋषभदेव मन्दिर के समकालीन है। पहले जवास में 1300 जैन परिवार के घर थे किन्तु धीरे-धीरे सब ने यहां से पलायन कर लिया। युवा परिषद के संरक्षक महेन्द्र दलावत एवं परम संरक्षक विकास किकावत ने बताया कि जवास मन्दिर के जीर्णोद्धार का कार्य अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद ऋषभदेव द्वारा ही करवाया जा रहा है। साथ ही दिवाली के पश्चात युवा परिषद द्वारा जवास मन्दिर में ध्वजा दण्ड की स्थापना की जायेगी।
प्रचार-प्रसार मंत्री अक्षय दलावत ने बताया कि जवास मन्दिर में जिनके घर भी कोई विशिष्ट आयोजन होता है वह शान्तिधाराकर्ता परिवार बन पुण्यार्जन करता है। युवा परिषद के कोषाध्यक्ष नितिश जैन पर्युषण पर्व के 10 दिनों तक प्रतिदिन जवास मन्दिर के लिये सुबह 5 बजे ऋषभदेव से निकलकर शान्तिधारा करने जाते है।
उनके साथ युवा परिषद के जी कुछ अन्य सदस्य भी जाते है। सायंकालीन आरती होती है। बसन्ती देवी जमनालाल जैन परिवार द्वारा मन्दिर में लघु छत्र भेट किया गया। हार्दिक दोवडिया पिता स्व. शान्तिलाल दोवडिया द्वारा इंडक्शन चूल्हा भेंट किया गया। सेठ पियूष जैन स्व. कैलाशचन्द्र जैन द्वारा चांदी के छत्र चढाने की भावना भाई
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