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भगवान की भक्ति करते समय भाव शुद्ध हाे ताे कर्माें की निर्जरा हाेती है – मुनि पूज्य सागर महाराज

भीलूड़ा जैन मंदिर में मनाया शांतिनाथ भगवान का जन्म, तप व माेक्ष कल्याणक

भीलूड़ा/ डूंगरपुर। भीलूड़ा दिगंबर जैन मंदिर में काेविड गाइड लाइन का पालन करते हुए बुधवार काे भगवान शांतिनाथ का जन्म, तप व माेक्ष कल्याणक मनाया गया। इस दाैरान शांति विधान किया गया। भगवान के सम्मुख 120 अघ्र्य चढ़ाए गए। इस दाैरान मुनि पूज्य सागर महाराज के सानिध्य में भगवान की शांतिधारा व पंचामृत अभिषेक किया।

मुनि पूज्य सागर महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति करने से कर्माें की निर्जरा हाेती है। भाव शुद्ध हाेने चाहिए। मंदिर में प्रवेश करते समय व भगवान का नाम लेते समय राग, द्धेष की भावना नहीं हाेनी चाहिए। इस दाैरान शांतिमंत्र का महत्व भी बताया। महाराज ने कहा कि देव, शास्त्र व गुरु की नित्य अाराधना करनी चाहिए। भगवान काे शांतिधारा व पंचामृत से तैयार हाेते गंधाेदक के महत्व के बारे में समझाया कि यह कई प्रकार के चर्म राेगाें का नाश करता है। जैन समाज की तरफ से महाराज काे 7 वें वर्षायाेग चातुर्मास का श्रीफल भेंट किया। इस दाैरान महाराज ने श्रद्धालुअाें से जयपुर विहार करने की इच्छा भी जताई।अन्तर्मुखी पूज्यसागर महाराज ओर क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महाराज का चातुर्मास भीलूड़ा गांव में होने की घोषणा की गई। अागामी स्थिति काे देखते हुए चातुर्मास की घाेषणा की जाएगी।

साैधर्म इंद्र बनने का लाभ अाेमप्रकाश जैन, शांतिधारा का लाभ कांतिलाल जैन, भगवान के चरणाें में कमल पुष्प चढ़ाने का लाभ रमणलाल जैन, निर्वाण लाडू चढ़ाने का लाभ जयंतिलाल जैन, रमणलाल जैन, अशाेक कुमार, सुभाष जैन, जयवंत जैन, हिरेन, धर्मेंद्र, हितेश, कनकमल जैन ने लिया। पद्मावती देवी का निर्वाण लाडू चंद्रकात शाह ने, क्षेत्रपाल भगवान का लाडू चढ़ाने का लाभ हेमंत भरड़ा, जाप का लाभ अशाेक कुमार, अारती उतारने का लाभ कमलेश जैन परिवार ने लिया। काेविड प्राेटाेकाॅल का पालन किया गया।

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