परदेशीपुरा में श्री दिगंबर जैन परदेशीपुरा समाज और दिगंबर जैन सोशल ग्रुप “वीर बाहुबली” द्वारा कैलाश मानसरोवर पर्वत की झांकी सजाई गई है। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो वास्तव में कैलाश पर्वत की यात्रा कर रहे हैं। जैन धर्म के अनुसार कैलाश पर्वत भगवान आदिनाथ की निर्वाण स्थली मानी जाती है। इस झांकी के माध्यम से व्यक्ति कैलाश मानसरोवर की पूरी यात्रा करता है और जब पूरी यात्रा हो जाती है, तब वह परदेशीपुरा जैन मंदिर के दर्शन कर वापस निकल आता है। झांकी 13 सितंबर से 19 सितंबर तक जारी रहेगी। क्या कैलाश मानसरोवर जैन तीर्थ स्थल है, इस पर दो पक्ष हैं। पढ़िए श्रीफल जैन न्यूज की संपादक रेखा जैन की विशेष रिपोर्ट..,
इंदौर। परदेशीपुरा में श्री दिगंबर जैन परदेशीपुरा समाज और दिगंबर जैन सोशल ग्रुप “वीर बाहुबली” द्वारा कैलाश मानसरोवर पर्वत की झांकी सजाई गई है। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो वास्तव में कैलाश पर्वत की यात्रा कर रहे हैं। जैन धर्म के अनुसार कैलाश पर्वत भगवान आदिनाथ की निर्वाण स्थली मानी जाती है। इस झांकी के माध्यम से व्यक्ति कैलाश मानसरोवर की पूरी यात्रा करता है और जब पूरी यात्रा हो जाती है, तब वह परदेशीपुरा जैन मंदिर के दर्शन कर वापस निकल आता है। इस कृत्रिम कैलाश पर्वत की यात्रा करने में आधा घंटे का समय लगता है। खास बात है कि झांकी के माध्यम से भी यात्रा करने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है, जो वहीं हाथो-हाथ बन जाता है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि कैलाश मानसरोवर तिब्बत-चीन सीमा पर है। झांकी 13 सितंबर से 19 सितंबर तक जारी रहेगी।
कैलाश पर्वत मानसरोवर और आष्टापद
संपूर्ण झांकी की फोटो अपडेट होती रहेगी रहेगी ।
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