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घर की छत पर लगाए जैविक ऑक्सीजन सिलेंडर

सागवाडा के श्री नरेन्द्र शाह के मकान की छत पर बगीचा

सागवाड़ा. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते लोगों की सांसें टूटती दिखी तब आमजनों ने प्रकृति का महत्व समझना शुरू किया। समय की नजाकत को समझते हुए लोगों ने खेत खलिहानों के साथ अब घरों में भी ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं।

शहर के सर्राफा व्यवसायी समाजसेवी नरेन्द्र शाह तथा पर्यावरण प्रेमी श्रीमती प्रेरणा शाह ने शहर के बीच अपने तीन मंजिला आवास की छत पर प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक बना रखी है। दरअसल, छत पर छोटे बड़े गमलों में लगाए गए करीब 35 प्रजातियों के पेड़-पौधे घर का सौंदर्य अनुपम बनाते हुए आबो हवा भी शुद्ध कर रहे हैं।

इनमें बेलदार व बोन्साई पौधे भी शामिल हैं। फर्श पर घास के साथ धूप से बचाव के लिए बांस का मचान बनाया है। शाह ने बताया कि पुत्र प्राशु व पुत्रवधु सूचि पौधों की निराई-गुड़ाई, संरक्षण तथा संवर्धन में समय देते हैं।

इन पौधों से मिल रहा लाभ

ऑक्सीजन बनाने का काम पत्तियां करती हैं, पत्ती एक घंटे में पांच मिलीलीटर ऑक्सीजन बनाती है। इसलिए बगीचे में सजावटी, फलदार, आयुर्वेदिक महत्व के अधिक पत्तियों वाले पौधों की बहुलता है। यहां लगे पौधों में चंपा, मोगरा, देवदार, मीठा नीम, लेमन, मीठी तुलसी, मींट तुलसी, काली तुलसी, चाईनीज बम्बू, ब्रम्ह बम्बू, अश्वगंधा, बड़, नीम, पीपल व आम के बोन्साई, गुड़हल, हॅगिंग ग्रास, पर्दा वैल, क्रिसमस ट्री, पोदिना, एरिका पाम, रेडियम, शतावरी, बोगन विलिया, एलोवीरा दोहरा लाभ दे रहे

सरकार करे पहल

नरेंद्र शाह का कहना है कि सरकार को ‘नेचर क्योर्स यू’ अभियान चलाकर घरों में पौधे लगाने के लिए तकनीकी जानकारी के साथ लोगों को प्रेरित करना चाहिए ताकि घर घर प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक तैयार हो सकें।

वहीं पर्यावरण प्रेमी प्रेरणा शाह का कहना है कि लोगों को अब ये समझना होगा कि प्रकृति से जुड़ने के लिए पेड-पौधों का सामिप्य जरूरी है। हमें प्रकृति के ओर करीब जाने की जरूरत है। नासा के वैज्ञानिक डॉ. बीसी वॉलआर्टन ने भी अपनी रिपोर्ट ‘क्लीन एयर स्टडी’ में घरों के भीतर पौधों की जरूरत बताई है।

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