वाराणसी। स्याद्वाद महाविद्यालय के स्नातक स्वतंत्रता सेनानी धन्य कुमार जैन का शनिवार 17 अप्रैल को सुबह निधन हो गया। वे 99 वर्ष के थे। उन्हें औसानगंज कोठी भदैनी स्थित आवास पर गार्ड आॅफ आनर दिया गया। अंतिम संस्कार हरिश्चन्द्र घाट पर राजकीय सम्मान के साथ हुआ। बेटे अनुराग कुमार जैन ने मुखाग्नि दी। पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी ने उनके निधन पर शोक जताया। उन्हें एक सप्ताह से सांस लेने में दिक्कत थी। शक्र्रवार को आक्सीजन स्तर कम होने पर मंडलीय चिकित्सालय, कबीरचैरा वाराणसी में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे पत्नी, पांच पुत्र व एक पुत्री से भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। धन्यकुमार जैन का 99 वां जन्मदिन गत वर्ष धनतेरस को मनाया गया था। मप्र. के सागर जिला के खेराई गांव में जन्मे धन्यकुमार जैन प्राथमिक शिक्षा के बाद काशी आए।
स्याद्वाद महाविद्यालय के सुरेन्द्रकुमार जैन ने धन्यकुमार जैन के विषय में बताया कि जब अगस्तक्रान्ति का दौर चल रहा था और अंग्रेजों ने समाचार पत्रों के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी। तब उन्होंने मुल्तानी मिट्टी गूंथकर पैड बनाया व अंग्रेजों के जुल्मों के खिलाफ पर्चा बांटा। इस दौरान वाराणसी के गोदौलिया पर एक सिनेमाहाल के पास वेपकड़ लिए गए और जेल भी गए। धन्यकुमार जैन महात्मा गांधी के अनुयायी थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान वाराणसी जिला जेल में कैदियों की सफेद पोशाक फाड़ कर आम के पत्ते से हरा व खपरैल से भगवा रंग बनाकर पेड़ पर तिरंगा फहरा दिया था।
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