छत्रपति नगर के दलाल बाग में मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि जैन दर्शन के अनुसार 6 प्रकार के अनायतन होते हैं। ये हैं- कुदेव, कुधर्म और कुगुरु और तीन हैं इन तीनों को मानने वाले। कुदेव, कुधर्म, कुगुरु को छोड़ना सरल बात है किंतु उनके मानने वालों को छोड़ना बहुत मुश्किल है। हम मांस नहीं खा रहे लेकिन मांसाहारी व्यक्तियों के साथ रहते हैं, इसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…
इंदौर। छत्रपति नगर के दलाल बाग में मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि जैन दर्शन के अनुसार 6 प्रकार के अनायतन होते हैं। ये हैं- कुदेव, कुधर्म और कुगुरु और तीन हैं इन तीनों को मानने वाले। कुदेव, कुधर्म, कुगुरु को छोड़ना सरल बात है किंतु उनके मानने वालों को छोड़ना बहुत मुश्किल है। हम मांस नहीं खा रहे लेकिन मांसाहारी व्यक्तियों के साथ रहते हैं, इसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। मुनि श्री ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े शहर अवसरों और चुनौतियों के कारण बड़े होते हैं। आज लोग गांव से पलायन कर शहरों में आ गए। शहर जहरीले हो गए हैं, यहां प्रत्येक व्यक्ति को केवल अपने आप से मतलब होता है। शहर में निर्दयता चरम पर रहती है।
पढ़ाई के लिए हम बच्चियों को बड़े शहरों में भेजते हैं तब तक आप उन पर विश्वास रहता है, किंतु जैसे ही वे लोग दूसरे लोगों के बीच में रहती हैं उनका मन बदल जाता है। बच्चियों ने बहुत आसानी से भ्रूण हत्या को स्वीकार कर लिया है। बेटियों को शहर में रखकर पढ़ाना एक चुनौती हो गई है। शहर में रहकर बेटियां प्रतिक्रियावादी हो जाती हैं। शहर में आने के बाद में वे अपने लक्ष्य का परिवर्तन कर लेती हैं। इन सब के लिए शहर की जहरीली स्वतंत्रता जवाबदार है। इसमें कुछ जवाबदारी गुरु की होती है कुछ समाज की होती है और कुछ परिवार की होती है। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना सर्वस्व देकर बेटियों को बचाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने प्रतिभा- स्थली बनवाई, प्रतिभा- प्रतीक्षा बनाकर बेटियों को शुद्ध व सात्विक भोजन की व्यवस्था करवाई। इसके साथ ही सुरक्षित स्थान देकर रहने की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि धनवान होकर भी इस हेतु धन का दान न देना भी एक हिंसा है।
संस्कृति की रक्षा करना भी धर्म है। आप जहरीले लोगों के बीच में अमृत पुंज की तलाश करिए। दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि आज प्रातः गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के बाद गुरुदेव की आठ द्रव्यों से सभी श्रावक- श्राविकाओं ने पूजन की। इस अवसर पर मनीष नायक, शिरीष अजमेरा, सतीश डबडेरा, सचिन जैन, अमित जैन, आलोक बंडा, सतीश जैन ,विपुल बांझल, आदि विशेष रूप से मौजूद थे। पूज्य मुनि श्री निस्वार्थ सागर जी महाराज भी मंच पर विराजित थे, उन्होंने भी अपने आशीर्वचन दिए। मुनि संघ के प्रवचन प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से 10:00 बजे तक दलाल बाग में प्रतिदिन हो रहे हैं।
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