मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर जी महाराज ससंघ का आगरा के कमला नगर स्थित डी ब्लॉक के श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर के आचार्य श्री विद्यासागर संत निलय में चल रहा है। जिसमें 27 जुलाई को प्रात:कालीन धर्मसभा में उपाध्याय श्री विहसन्त सागर जी ने कहा कि जैसे डूबते को तिनके का सहारा होता है, वैसे ही कोई संयम धारण करने का निमित्त मिल जाये तो भव से पार करा देता है। पढ़िए यह रिपोर्ट…
आगरा। मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर जी महाराज ससंघ का आगरा के कमला नगर स्थित डी ब्लॉक के श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर के आचार्य श्री विद्यासागर संत निलय में चल रहा है। जिसमें 27 जुलाई को प्रात:कालीन धर्मसभा में उपाध्याय श्री विहसन्त सागर जी ने कहा कि जैसे डूबते को तिनके का सहारा होता है, वैसे ही कोई संयम धारण करने का निमित्त मिल जाये तो भव से पार करा देता है।
उन्होंने एक जीवन्त किस्सा सुनाते हुए बताया कि कैसे करगुंआ झांसी मे एक स्वाध्याय शील बाबाजी कहने को मुनियों में श्रद्धा नहीं थी, परन्तु बीमारी आने पर जब महाराज जी ने उन्हें सम्बोधन दिया, तो वही बाबाजी ने अंतत: उन्हीं महाराज जी से जैनेश्वरी दीक्षा धारण कर संल्लेखना पूर्वक समाधिमरण लिया। उन्होंने कहा कि न जाने किस भेष में राम आ जायें, अत: त्यागियों, सन्तपुरुषों, महात्माओं का कभी निरादर न करें। धर्मसभा का संचालन मनोज जैन बाकलीवाल ने किया।
इस अवसर पर प्रदीप जैन पीएनसी, जगदीश प्रसाद जैन,रोहित जैन अहिंसा, मनोज जैन बाकलीवाल, यशपाल जैन, कुमार मंगलम जैन, अनिल जैन,अंकुश जैन, नरेश जैन, अनिल रईस, शैलेंद्र जैन, शुभम जैन, संजय जैन सहित समस्त कमला नगर जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
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