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भोजशाला पर जैन समाज का दावा उचित : सुप्रीम कोर्ट में जैन समाज द्वारा केस दायर हुआ 


भोजशाला, धार मध्यप्रदेश पर जैन समाज के दावे से सम्बन्धित आई ए माननीय सुप्रीम कोर्ट में रजिस्टर्ड हुआ। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि याचिकाकर्ता समाज के वरिष्ठ समाजसेवी सलेकचंद जैन द्वारा भोजशाला के मामले में समग्र जैन समाज की और से पिटीशन दायर कर समाज हित में अपनी धरोहर का पक्ष रखते हुएपक्षकार सुप्रीम कोर्ट लायर दिनेश प्रसाद राजभर जैन समाज का पक्ष रखते हुए दलीलें पेश करेंगे। पढ़िए राजेश जैन दद्दू की रिपोर्ट…


इंदौर। भोजशाला, धार मध्यप्रदेश पर जैन समाज के दावे से सम्बन्धित आई ए माननीय सुप्रीम कोर्ट में रजिस्टर्ड हुआ। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि याचिकाकर्ता समाज के वरिष्ठ समाजसेवी सलेकचंद जैन द्वारा भोजशाला के मामले में समग्र जैन समाज की ओर से पिटीशन दायर कर समाज हित में अपनी धरोहर का पक्ष रखते हुए पक्षकार सुप्रीम कोर्ट लॉयर दिनेश प्रसाद राजभर जैन समाज का पक्ष रखते हुए दलीलें पेश करेंगे। रजिस्ट्रेशन नंबर 158074/2024 और 158088/2024 है। भोजशाला से 1875 में खुदाई के दौरान जैन यक्षिणी अम्बिका की मूर्ति निकली थी जो अब ब्रिटिश म्यूजियम में सुरक्षित है।

इस मूर्ति के साथ शिलालेख भी सुरक्षित है, जो अम्बिका देवी के जैन धर्म से सम्बन्धित होने का प्रमाण है। इसी मूर्ति को हिंदू समाज हिंदू सरस्वती देवी कह रहा है जो कि यथार्थ में सत्य नहीं है। इसके अलावा अभी खुदाई के दौरान जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां, जैन देवी देवताओं की मूर्तियां, जैन तीर्थंकरों से सम्बन्धित लांछन

कछूआ, बंदर, शंख और जैन शिल्प एवं जैन शिलालेख भी मिले हैं। अतः भोजशाला पर जैन समाज का दावा उचित है और यह जैन समाज को शीघ्र सोंपी जाए।

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