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अतिशय क्षेत्र नवागढ़ कमेटी के पदाधिकारियों ने लिया आशीर्वाद : नवागढ़ में चातुर्मास हेतु मुनि श्री सरलसागर जी महाराज एवं मुनि श्री मंगलानंद जी महाराज को किया श्रीफल भेंट


प्रागैतिहासिक अतिशय तीर्थ क्षेत्र नवागढ़ विकासखंड महरौनी के पदाधिकारियों ने निर्देशक ब्र. जयकुमार निशान्त भैया के नेतृत्व में बामौरकला में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सुयोग्य तपस्वी संत मुनि श्री सरल सागर जी महाराज एवं खनियांधाना में विराजमान मुनि श्री मंगलानंद जी महाराज ससंघ को नवागढ़ में चातुर्मास करने हेतु श्रीफल भेंटकर निवेदन किया। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट…


ललितपुर। प्रागैतिहासिक अतिशय तीर्थ क्षेत्र नवागढ़ विकासखंड महरौनी के पदाधिकारियों ने निर्देशक ब्र. जयकुमार निशान्त भैया के नेतृत्व में बामौरकला में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सुयोग्य तपस्वी संत मुनि श्री सरल सागर जी महाराज एवं खनियांधाना में विराजमान मुनि श्री मंगलानंद जी महाराज ससंघ को नवागढ़ में चातुर्मास करने हेतु श्रीफल भेंटकर निवेदन किया। इस मौके पर मुनिश्री को नवागढ़ विरासत पुस्तक एवं नवागढ़ में संचालित नवागढ़ गुरुकुलम के परिचय का फोल्डर भेंट करते हुए नवागढ़ में संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई। नवागढ़ में खुदाई में प्राप्त बहुमूल्य पुरा सम्पदा, विरासत, मूर्तियों आदि की जानकारी दी गई। इस मौके पर नवागढ़ तीर्थक्षेत्र कमेटी के निर्देशक ब्र. जयकुमार निशान्त भैया, महामंत्री वीरचन्द्र जैन नेकौरा, कोषाध्यक्ष पंडित इंद्र कुमार सिंघई, प्रचारमंत्री डॉ सुनील जैन संचय ललितपुर ने चातुर्मास हेतु श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुनिश्री ने कहा कि नवागढ़ निश्चित ही हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक बहुमूल्य विरासत है, यहां का पुरातत्व भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। चातुर्मास के लिए साधु-संतों की साधना हेतु अच्छा स्थान है। चातुर्मास के लिए विचार करने की बात उन्होंने कही। उल्लेखनीय है कि मुनि श्री सरल सागर जी महाराज अपनी कठोर त्याग, तपस्या, साधना के लिए जाने जाते हैं। वे बाह्य आडंबर से दूर रहते हैं। अपनी साधना में लीन रहते हैं। बैनर, पोस्टर, पत्रिका आदि के प्रचार-प्रसार से दूर रहते हैं।

शास्त्रि-परिषद के विशेषांक किए भेंट 

इस मौके पर मुनिश्री को अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्रि-परिषद की पत्रिकाओं ‘जैन सिद्धांत’ एवं ‘बुलेटिन’ के हाल में प्रकाशित विशेषांकों को मुनिश्री को परिषद के महामंत्री ब्र. जयकुमार निशान्त भैया एवं बुलेटिन के संपादक डॉ सुनील संचय ने भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुनिश्री ने पत्रिकाओं में प्रकाशित सामग्री की सराहना की।

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