बांसवाडा। अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के सानिध्य में बुधवार को दिगम्बर जैन मंदिर काँमर्शियल कॉलोनी,बांसवाड़ा में भक्तामर महामंडल विधान और सहस्त्रनाम की आराधना की गई। दोनो आराधना में माध्यम से 1300 अर्घ्य भगवन को समर्पित की गए।
इस अवसर पर मुनि पूज्य सागर जी महाराज ने कहा कि भगवान की आराधना से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है। भगवान की आराधना करते वक्त भाव निर्मल और चाहिए राग द्वेष से रहित होना चाहिए तथा कषाय नही होनी चाहिए तभी भगवान की आराधना करने का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। एकाग्रता के साथ जब भगवान की आराधना पूजा करते हैं तो अनंतगुणा कर्मों की निर्जरा होती है। जिनेंद्र भगवान की आराधना से अज्ञान रूपी अंधकार दूर होता है और ज्ञान का प्रकाश मिलता है।

कार्यक्रम के तहत सब से पहले अनंतनाथ भगवान का अभिषेक एवं शांति धारा की गई। विधान में सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य राकेश जैन, दीपक से आराधना करने का लाभ नरेश कुमार जैन, हवन से आराधना करने का लाभ मांगीलाल जैन को और पूर्णाहुति का सौभाग्य तेजपाल सारगिया को प्राप्त हुआ। 1300 अर्घ्य में 1008 अर्घ्य भगवान के नामों के, 48 अर्घ्य भगवान आदिनाथ के थे। इनके साथ ही सिद्धों की आराधना की गई। जाप करने का लाभ सीमा शाह, अल्पा सारगिया, हिना जैन को मिला। भक्तमर का महार्घ्य चढ़ाने का सौभाग्य संध्या जैन को प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन अनंतनाथ दिगंबर जैन मंदिर काँमर्शियल कॉलोनी के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में सहयोग रानी चेलना महिला मंडल और अनन्तनाथ नवयुवक मंडल का रहा।
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