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सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि में हुई थी प्रथम मुनि दीक्षा : निर्यापक श्रमण श्री समयसागर जी महाराज का मुनि दीक्षा दिवस मनाया गया


 दमोह जिले का सुप्रसिद्ध जैन तीर्थ कुंडलपुर में विराजमान संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्यों के बीच पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर जी महाराज का मुनि दीक्षा दिवस भव्यता के साथ मनाया गया। पढ़िए रत्नेश जैन रागी की रिपोर्ट…


कुण्डलपुर। दमोह जिले का सुप्रसिद्ध जैन तीर्थ कुंडलपुर में विराजमान संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्यों के बीच पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर जी महाराज का मुनि दीक्षा दिवस भव्यता के साथ मनाया गया। कुण्डलपुर महामहोत्सव की मीडिया समिति के जयकुमार जलज हटा तथा राजेश जैन रागी बकस्वाहा ने बताया कि इस अवसर पर पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री संभव सागर जी महाराज ने कहा कि आज ज्येष्ठ श्रेष्ठ प्रथम मुनि श्री समयसागर जी महाराज का 45वां मुनि दीक्षा दिवस है।

समय शब्द के बहुत अर्थ होते हैं। हम सब तो समय का ध्यान करने ही वाले हैं। समय का सदुपयोग करो, गुरु मुख से कई बार सुना है। अब हमें समझ में आ रहा है उनके कहे वाक्य का अर्थ। पूज्य मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने कई संस्मरण सुनाते हुए बताया कि गुरुदेव ने 10 निर्यापक मुनिराज को संघ की व्यवस्था करने की जवाबदारी दी है। जो सब मिलकर संघ को सुव्यवस्थित करेंगे। मुनि समय सागर जी की मुनि दीक्षा आज ही के दिन श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के कर कमलों से हुई थी।

निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर जी महाराज , मुनि श्री प्रवोध सागर जी महाराज, मुनि श्री प्रशस्तसागर जी महाराज, मुनि श्री निश्चय सागर जी महाराज, मुनि श्री निराकुल सागर जी महाराज, आर्यिकारत्न श्री चिंतनमति माताजी ने पूज्य निर्यापक श्रमण श्री समयसागर जी महाराज के व्यक्तित्व, कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सभी मुनिराज, आर्यिका माता जी के साथ बड़ी संख्या में श्रावक- श्राविकाओं की उपस्थिति रही।

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