सात दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव का समापन रविवार को हुआ। समापन अवसर पर गजरथ पर भव्य शोभायात्रा निकालने के साथ ही लाभार्थी परिवार ने पांच फीट की श्वेत वर्ण पाषाण की मुनि सुव्रतनाथ भगवान की प्रतिमा नूतन जिनालय एवं नूतन भव्य वेदी में विराजित की। इसके साथ ही 15 तीर्थंकरों की प्रतिमा भी इंद्र-इंद्राणी व श्रावक-श्राविकाओं की मौजूदगी में स्थापित की। पढ़िए राजेश जैन दद्दू की रिपोर्ट…
इन्दौर। छत्रपति नगर स्थित दलालबाग में आयोजित किए गए सात दिवसीय पंचकल्याणक महोत्सव का समापन रविवार को हुआ। समापन अवसर पर गजरथ पर भव्य शोभायात्रा निकालने के साथ ही लाभार्थी परिवार ने पांच फीट की श्वेत वर्ण पाषाण की मुनि सुव्रतनाथ भगवान की प्रतिमा नूतन जिनालय एवं नूतन भव्य वेदी में विराजित की। इसके साथ ही 15 तीर्थंकरों की प्रतिमा भी इंद्र-इंद्राणी व श्रावक-श्राविकाओं की मौजूदगी में स्थापित की। रविवार को हजारों की संख्या में दिगंबर जैन समाजजन ने अपनी मौजूदगी दर्ज की।
निकाली गई शोभायात्रा
श्री आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट एवं पंचकल्याणक महोत्सव समिति मुख्य संयोजक सचिन सुपारी और राजेश जैन दद्दू ने बताया कि मुनिश्री विमल सागर एवं अनन्त सागर महाराज के सान्निध्य एवं प्रतिष्ठाचार्य विनय भैय्या, अनिल भैय्या, अमित जैन (वास्तुविद) के निर्देशन में पात्र शुद्धि, अभिषेक, शान्तिधारा, नित्यमह पूजन की विधियां संपन्न की गईं। वहीं इसके पश्चात प्रभु का मोक्षगमन, मोक्ष कल्याण पूजन के साथ ही मुनिश्री विमल सागर एवं अनन्त सागर ने प्रवचनों की अमृत वर्षा की।
प्रवचनों के पश्चात विश्व शांति हेतु महायज्ञ में सैकड़ों इंद्र-इंद्राणियों सहित श्रावक-श्राविकाओं ने हवन कुंड में आहुतियां समर्पित की। सुबह 9 बजे दलालबाग से लाव-लश्कर के साथ छत्रपति नगर स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर तक गजरथ पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में बैंड़-बाजे, एरावत रथ, घोड़े-बग्घी व ऊंट यात्रा के अग्र भाग में थे तो वहीं मध्य भाग में भजन गायक सभी समाजजनों को भजनों पर थिरकाए हुए थे। दलालबाग से नूतन जिनालय तक के मार्ग में अलग-अलग जगह पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों ने पुष्पवर्षा कर सभी की अगवानी की। मार्ग में रंगोली भी इस अवसर पर युवतियों द्वारा बनाई गई थी। जैसे गजरथ यात्रा नूतन जिनालय पहुंची वहां सभी समाजजनों ने मुनि सुव्रतनाथ भगवान के जयघोष के साथ पूरा परिसर गुंजायमान कर दिया।
वेदी पर विराजित हुए मुनि सुव्रतनाथ भगवान
मुनिश्री के सान्निध्य एवं प्रतिष्ठाचार्यों के निर्देशन में नूतन जिनालय में मुनि सुव्रतनाथ भगवान की प्रतिमा विराजित की गई। इसके साथ ही वहीं 15 तीर्थंकरों की प्रतिमा विराजित की गई। जिनालय में वेदी प्रतिष्ठा, श्रीजी स्थापना, कलशारोहण, ध्वजारोहण व पूजन के पश्चात इस सात दिवसीय महोत्सव का समापन हुआ। समापन अवसर पर सभी समाजजनों ने एक-दूसरे के सतिशय पुण्य की अनुमोदना की।
समापन अवसर पर दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के मंत्री डॉ. जैनेन्द्र जैन, कैलाश चंद जैन नेताजी, रमेश जैन, दिलीप जैन, राजेश जैन दद्दू , सतीश डबडेरा, निखिल जैन, संदीप जैन, अखिलेश सोधिया, महेंद्र चुकरू, राजेन्द्र नायक, उज्ज्वल जैन, शैलेन्द्र जैन, हिरेश जैन, गोलू जैन, अरविंद सौधीया एवं परवार समाज महिला संगठन की अध्यक्ष मुक्ता जैन, सारिका जैन, समता सोधीया, सोनाली बागड़ियां सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।
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