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श्रद्धालुओं ने की कर्मों की निर्जरा : हवन यज्ञ के साथ हुआ श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान का समापन


फैंसी बजार की ऊर्जावान भूमि पर स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर की मुनिसुब्रतनाथ वेदी के समक्ष पंडित संतोष कुमार शास्त्री निर्देशन में 17 मार्च से जारी श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ पूर्णाहुति से सम्पन्न हुआ। पढ़िए यह विशेष रिपोर्ट….


गुवाहाटी। फैंसी बजार की ऊर्जावान भूमि पर स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर की मुनिसुब्रतनाथ वेदी के समक्ष पंडित संतोष कुमार शास्त्री निर्देशन में 17 मार्च से जारी श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ पूर्णाहुति से सम्पन्न हुआ। श्री दिगम्बर जैन पंचायत, गुवाहाटी (असम) के अध्यक्ष महावीर जैन हाथीगोला और मंत्री बीरेंद्र कुमार सरावगी ने बताया कि भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ में आहुति डालकर अपने कर्मों की निर्जरा की।

पंडित संतोष कुमार शास्त्री ने विधान की महिमा बताते हुए कहा कि सिद्धचक्र विधान में सिद्धों की आराधना करने से व्यक्ति के रोग-शोक, ताप-संताप सभी नष्ट होने लगते हैं। इस विधान में बैठने मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदलने लगते हैं। मन, बुद्धि व चित निर्मल होने लगता है। जीव में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। विचारों में बदलाव आने लगता है और विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है और एक दिन व्यक्ति भव सागर से पार होने की क्षमता प्राप्त कर लेता है।

उन्होंने हवन-यज्ञ की महिमा बताते हुए कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं तथा मनवांछित फल की भी प्राप्ति होती है। उन्होंने लोगों को अपना जीवन धर्ममय बनाने व सत्कर्म करने पर जोर देते हुए सभी को होली की शुभकामनाएं दी।

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