श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर कमलानगर में पहली बार आदर्श लघु सिद्धचक्रमहामण्डल विधान का आयोजन कल से घटयात्रा, ध्वजारोहण व जिनबिम्ब स्थापना के साथ हो रहा है। इस अवसर पर पूज्य क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी ने दान करने भाव को बताया। पढि़ए मनोज जैन बाकलीवाल की रिपोर्ट…
आगरा। ‘दाता के 5 भूषण होते हैं, दान आनन्दपूर्वक देवें, आदर से दें, प्रिय वचन बोल कर दं, निर्मल भाव से दें व दान धन्य भाव से दें’ उपरोक्त बातें, श्री महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर कमलानगर में विराजित पूज्य क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी ने यहां चल रहे धार्मिक शिक्षण शिविर में शिविर्राथियों को बताई गई। उन्होंने बताया कि जब भी कोई शुभ कार्य करें तो चौक अवश्य पूरें। जल से पूरा भरा मंगल कलश जिस पर श्रीफल रखा हो व आम अथवा अशोक के पत्ते लगे हों, उसे स्थापित करें। मन्दिर मुख्य संयोजक जगदीश प्रसाद जैन ने बताया कि मन्दिर में पहली बार आदर्श लघु सिद्धचक्रमहामण्डल विधान का आयोजन कल से घटयात्रा, ध्वजारोहण व जिनबिम्ब स्थापना के साथ हो रहा है। उक्त विधान मे तीन दिन नित्य प्रात: 7 से 10.30 तक सिद्धों के लगभग 2064 अघ्र्य चढ़ाया जाएगा। पात्रों का चयन धन से नहीं नियम की बोलियों से किया जाएगा।
जितना कम उम्र का व्यक्ति बड़ा निययम लेगा उसे उतना बड़ा पद दिया जाएगा। नियम के फॉर्म मन्दिर में उपलब्ध हैं। इस अवसर पर प्रदीप जैन पीएनसी, जगदीश प्रसाद जैन, पीयूष जैन, मनोज जैन बाकलीवाल, अभिषेक जैन, शिखर जैन सिंघई, अनिल रईस, अनिल जैन, नरेश जैन हरीश जैन, समकित जैन, शुभम छोटू जैन सहित समस्त कमलानगर जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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