अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज एवं क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महाराज के सानिध्य में श्री दिगम्बर जैन नव ग्रह ग्रेटर बाबा परिसर में 30 दिसंबर 2023 से 7 जनवरी तक श्री कल्पद्रुम महामंडल विधान का आयोजन किया गया। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दिए जाने वाले प्रतिष्ठित श्रीफल पत्रकारिता पुरस्कार समारोह का आयोजन भी इसी कार्यक्रम में किया गया। आयोजन के बाद समाज के विभिन्न श्रेष्ठी जनों ने विधान की भव्यता को लेकर मुनि श्री को लिखा है। इसकी दसवीं कड़ी में पढ़िए प्राची सौरभ छाबड़ा के विचार…
नमोस्तु गुरुदेव
श्री कल्पद्रुम महामण्डल विधान में चक्रवर्ती बनने का सौभाग्य तो नहीं मिल पाया परन्तु चक्रवर्ती जैसा लाभ तो पूरा हमने भी लिया। विधान में रोज मंगलाचरण करने और करवाने की जिम्मेदारी गुरुदेव ने मुझे सौंपी थी, जो उनके आशीर्वाद से बहुत अच्छे से परिपूर्ण हुई। गुरुदेव से मुझे विशेष लगाव स्मृति नगर चातुर्मास से हुआ है। गुरुदेव की एक विशेषता है कि जो भी उनसे मिलता है, वह उनका ही होकर रह जाता है फिर वह चाहे स्मृति नगर, अंजनी नगर, गुप्ति सदन या नवग्रह जिनालय निवासी हो। उनके प्रवचनों को सुनने को आतुर हम हर जगह उनके पीछे-पीछे पहुंच जाते थे। उनके प्रवचनों में, उनकी मुस्कान में ऐसा जादू है कि उनसे बातें करने से मन ही नहीं भरता। उनका मेरे बच्चों के प्रति विशेष प्रेम रहा है। मेरे बच्चों को भी उनकी आदत सी हो गई है। गुरुदेव के सरल स्वभाव के कारण उनसे मन की पूरी बात भी हो जाती है। गुरुदेव का विशेष आभार जो उन्होंने मेरी प्रतिभा को देखकर मुझे इतने बड़े विधान में (मंच) मंगलाचरण की जिम्मेदारी दी। हम सब भक्तों की यही आशा है कि गुरुदेव का सानिध्य और चातुर्मास का सौभाग्य इंदौर में ही बना रहे।
गुरुदेव की सदैव आभारी
प्राची सौरभ छाबड़ा
स्मृति नगर, इंदौर
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