समाचार

श्री कल्पद्रुम महामंडल विधान को लेकर पत्र - 2 : गुरु की वाणी लग रही थी साक्षात तीर्थंकर की वाणी – रेखा संजय जैन


अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज एवं क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महाराज के सानिध्य में श्री दिगम्बर जैन नव ग्रह ग्रेटर बाबा परिसर में 30 दिसंबर 2023 से 7 जनवरी तक श्री कल्पद्रुम महामंडल विधान का आयोजन किया गया। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दिए जाने वाले प्रतिष्ठित श्रीफल पत्रकारिता पुरस्कार समारोह का आयोजन भी इसी कार्यक्रम में किया गया। आयोजन के बाद समाज के विभिन्न श्रेष्ठी जनों ने विधान की भव्यता को लेकर मुनि श्री को लिखा है। इसकी दूसरी कड़ी में पढ़िए रेखा – संजय जैन के विचार…


जय जिनेंद्र बंधुओं

श्री 1008 कल्पद्रुम महामंडल विधान और श्री 108 परम पूज्य अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी महाराज की जय

विधान और श्री 108 परम पूज्य अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी महाराज के बारे में शब्दों की रूपरेखा ही तुच्छ है। विधान को इतनी तन्मयता से, इतनी लगन से इतने हर्षोल्लास एवं भक्ति से मैंने अपने जीवन में करते- करवाते हुए पहली बार ही देखा है। श्री 108 परम पूज्य अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी महाराज जी के सानिध्य में मैं जब से आई, उन्होंने धर्म की राह में एकदम से मुझे परिवर्तित कर दिया।

सरल स्वभाव के धनी, दूसरों के प्रति करुणा से भरपूर गुरुदेव आसानी से भक्त की बातों को सुनना और उनका हल निकालना, धर्म के प्रति कैसे लगन लगाना है आदि बेहद सहजता से कर जाते हैं। इस विधान व श्री 108 परम पूज्य अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी महाराज का सानिध्य पाकर मुझे एक नया जीवन मिला है। गुरु के साक्षात समवशरण में मंगल प्रवचन ऐसा लग रहा था कि साक्षात तीर्थंकर की ही दिव्य वाणी खिर रही है और उनसे प्रेरित हो हमने जोड़े से आजीवन आलू, प्याज और लहसुन का त्याग किया, जो इससे पहले हमारे लिए अकल्पनीय था। पहले विधान में न बैठने का एक कारण मेरे पैरों में वेरिकोज वेंस की वजह थी लेकिन गुरु की हिम्मत व विधान का चमत्कार रहा कि मेरे पैरों का दर्द जैसे गायब ही हो गया।

श्रीफल स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में वर्ष 2021 व 2022 के लिए पत्रिका समूह, एनडीटीवी, एबीपी न्यूज, इंडिया टुडे समूह, जी न्यूज सहित प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट कप्तानजी, राष्ट्रीय फोटोग्राफर जैसी सम्मानित हस्तियों को श्रीफल स्मृति पुरस्कार दिया गया। राष्टीय स्तर के पत्रकारों को मैंने पहली बार एक मंच पर देखा। इस समारोह का संचालन करने का मौका मुझे प्रदान किया गया जो मेरे लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए मैं गुरु चरणों में अनंत बार नतमस्तक हूं कि उन्होंने मुझे इस लायक समझा। 30 दिसंबर 2023 से 7 जनवरी 2024 साल का अंत और आगाज अत्यंत स्मरणीय रहा। मैंने मन के भावों को आप तक पहुंचाने की कोशिश की है, इसमें कुछ गलती हो तो क्षमाप्रार्थी हूं।

रेखा – संजय जैन ,

कालानी नगर, इंदौर

ये भी पढ़िए

पत्र नंबर 1

पत्र नंबर 3

पत्र नंबर 4

पत्र नंबर 5

आप को यह कंटेंट कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।
+1
13
+1
0
+1
0

About the author

Shreephal Jain News

Add Comment

Click here to post a comment

You cannot copy content of this page

× श्रीफल ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें