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हजारों श्रद्धालु भक्तों ने किया स्वागत अभिनंदन : जैन संत सूयश सागर जी का मंगल प्रवेश


जैन संत चर्या शिरोमणि परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम अध्यात्म योगी शिष्य मुनि श्री 108 सूयश सागर जी महाराज का भव्य मंगल प्रवेश एक जुलाई को धर्म नगरी झुमरीतिलैया में हुआ। इस अवसर पर शोभायात्रा निकाली गई। पढ़िए राजकुमार अजमेरा और नवीन जैन की रिपोर्ट…


झुमरीतिलैया। परम तपस्वी जैन संत मुनि श्री 108 सूयश सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश झुमरीतिलैया धर्म नगरी में हुआ। भक्तजन उनके आगमन पर खुशी और हर्ष से पुलकित हो गए। जैन समाज के हजारों महिलाएं, पुरुष, बच्चे केसरिया- श्वेत और पारंपरिक परिधान में गुरुदेव की अगवानी के लिए पहुंचे। चांडक कॉन्प्लेक्स के पास भक्तजनों ने गुरुदेव के चरण पखारे। भव्य शोभायात्रा मैं गुरुदेव के साथ ललपनिया ताशा पार्टी, बैंड बाजा, जैन स्कूल बच्चों का बैंड, महिलाओं की कलश यात्रा, भक्तजन जैन धर्म का ध्वज लिए चल रहे थे। जैन धर्म के जयकारों के साथ पूरे शहर में भक्ति और श्रद्धा का वातावरण बन गया। छोटे-छोटे बच्चे साइकिल पर थे, बालिकाएं डांडिया नृत्य के साथ हाथ में गैस के गुब्बारे के साथ थीं। महिलाएं हाथ में जैन धर्म का झंडा लेकर अपनी भक्ति को प्रदर्शित कर रहे थे। गुरुदेव के साथ-साथ भक्तजनों ने केसरिया वस्त्र में भगवान को भी पालकी में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया। भव्य जुलूस बड़ा मंदिर स्टेशन रोड पहुंचा, जहां पर सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों ने गुरुदेव के चरणों को धोया और अपने माथे पर लगाया। शिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर महाराज के परम प्रभावक अध्यात्म योगी श्री 108 सूयश सागर जी की अगवानी में सम्पूर्ण जैन समाज ही नहीं, स्थानीय सभी समाज ने श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा, जगह-जगह पाद प्रक्षालन और आरती की। गुरुदेव के मंगल प्रवेश पर छत्तीसगढ़ से सैकड़ों भक्तजन कोडरमा नगरी पहुंचे। भक्तजनों ने भगवान के चरणों में दीप प्रज्वलित किया और गुरुदेव को शास्त्र भेंट किया।

संत जुड़ते हैं समाज से

मुनि श्री ने मूलनायक 1008 श्री पारस नाथ भगवान के दर्शन कर धर्मसभा को संबोधित किया। अपने अमृतमय प्रवचन में गुरुदेव ने कहा कि झुमरी तिलैया के लोग बड़े ही धर्मात्मा और गुरु के प्रति समर्पित भाव रखते हैं। सचमुच यहां के लोगों का पुण्य के साथ-साथ भाग्य भी अच्छा है। तभी हमेशा संत महात्मा का सानिध्य और आशीर्वाद यहां के लोगों को हमेशा मिलता रहता है। जैन समाज झुमरी तिलैया के अनन्य मुनि भक्त जोंटी मोंटी काला को गुरुदेव ने विशेष आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि मेरे साथ-साथ उत्तर प्रदेश बारसोई से 350 किलोमीटर पैदल चलकर आना बहुत ही कठिन काम है। चातुर्मास का जैन धर्म में अति महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि इस दौरान जगह-जगह बरसात होने के कारण संत एक स्थान पर विराजमान रहकर जीव हत्या से बचते हैं और धर्म प्रभावना के लिए समाज से जुड़ते हैं। चातुर्मास का पर्व धर्म प्रभावना के लिए सबसे बड़ा पर्व होता है, इसमें ना केवल श्रावक, संत से जुड़ता है बल्कि संत भी श्रावकों से जुड़कर धर्म प्रभावना को जन-जन फैलाने का प्रयास करते हैं।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष जैन नरेंद झांझरी, सह संयोजक जैन सुनीता सेठी, जैन ममता सेठी, जैन राजीव छाबडा, जैन सुमित सेठी जैन जोंटी, मोंटी काला, जैन शैलेश छाबड़ा, जैन विवेक सेठी, जैन विकास सेठी, जैन पीयूष कासलीवाल, मीडिया प्रभारी जैन राज कुमार अजमेरा, नवीन जैन आदि लोगों ने अपना योगदान दिया। समाज के मंत्री जैन ललित सेठी, कोषाध्यक्ष जैन सुरेंद्र काला, उप मंत्री जैन राज छाबड़ा, भंडारी सुनील जैन, जैन सुशील छाबड़ा, जैन जयकुमार गंगवाल, निवर्तमान पार्षद पिंकी जैन आदि लोगों ने अपना मार्गदर्शन दिया।

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