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मीना एवं रामकली जैन दीक्षा ग्रहण कर बनेंगी जैन साध्वी: पांच जून को दमोह के हथनी गांव में होगी दीक्षा


जैन समाज मुरैना की दो विदुषी महिलाएं आत्मकल्याण के लिए गृह त्यागकर 5 जून को जैनेश्वरी दीक्षा धारणकर जैन साध्वी बनेंगी। पढ़िए मनोज नायक की रिपोर्ट…


मुरैना। जैन समाज मुरैना की दो विदुषी महिलाएं आत्मकल्याण के लिए गृह त्यागकर 5 जून को जैनेश्वरी दीक्षा धारणकर जैन साध्वी बनेंगी। जैन धर्म के मतानुसार पुरुषों द्वारा मुनि दीक्षा एवं महिलाओं द्वारा आर्यिका दीक्षा ग्रहण करना परम सौभाग्य की बात मानी जाती है। जैन साधु या साध्वी बनना तलवार की धार पर चलने जैसा है। दीक्षा लेने के बाद आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने के साथ ही वर्ष में तीन चार बार सिर के बाल हाथों से निकालने होते हैं। चौबीस घण्टे में एकबार अन्न पानी (आहार) करपात्र में लेना होता है । सभी प्रकार के वाहन का त्यागकर पद यात्रा करनी होती है। सभी प्रकार के सांसारिक सुखों का त्याग करना होता है।

क्षुल्लिका जैनेश्वरी दीक्षा दी जाएगी ः 

मुरैना नगर के वरिष्ठ समाजसेवी, उद्योगपति पवन जैन (रतीराम पुरा वाले) की मातुश्री मीना जैन धर्मपत्नी स्व.श्री ओमप्रकाश जैन एवं स्थानीय शिक्षक नीलेश जैन की मातुश्री रामकली जैन धर्मपत्नी नत्थीलाल जैन (चांदपुर वाले) ने सांसारिक सुख, मोह माया का त्यागकर जैनेश्वरी आर्यिका दीक्षा ग्रहण करने का दृढ़ निश्चय किया है। आप दोनों विदुषी महिलाओं को ग्राम हथनी (दमोह) मध्यप्रदेश में पांच जून को परम पूज्य अभिक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनन्दी जी महाराज की परम प्रभावक शिष्या गणिनी आर्यिका श्री सौम्य नन्दिनी माताजी के करकमलों द्वारा क्षुल्लिका जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान की जाएगी।

दीक्षार्थियों का परिचय ः 

दीक्षार्थी मीना जैन का जन्म 5 जुलाई 1956 को मुरैना की अम्बाह तहसील के ग्राम अझेड़ा में जैसवाल जैन श्रावकश्रेष्ठि देवीराम चन्द्रावली जैन के परिवार में हुआ था। आपने 8वीं तक लौकिक शिक्षा ग्रहण की। आपकी शादी रतीराम पुरा ग्राम में जैसवाल जैन श्रावक श्रेष्ठि श्यामलाल ज्ञानमती जैन रावत गोत्रीय के पुत्र ओमप्रकाश जैन से हुई थी। आपके परिवार में इकलौता पुत्र पवन जैन, पुत्रबधू शशि जैन एवं नाती ऋषभ, शुभम हैं ।

द्वितीय दीक्षार्थीरामकली जैन का जन्म 1954 में राजस्थान के राजाखेड़ा में जैसवाल जैन श्रावक श्रेष्ठि अमीरचंद अंगुरीदेवी जैन के परिवार में हुआ था । आपकी शादी चांद का पुरा ग्राम में जैसवाल जैन श्रावक श्रेष्ठि देवीराम कलावती जैन के कोलानायक गोत्रीय परिवार में नत्थीलाल जैन के साथ हुई थी। आपके परिवार में पति, संतोष, नीलेश पुत्रों, पुत्रबधुओं, नातियों सहित भरा पूरा परिवार है ।

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