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उत्तम समाधि की ओर गुरुदेव : मुनि श्री मेरु भूषण जी महाराज ने धारण की यम संल्लेखना


18 दिनों से क्षपक राज श्री मेरू भूषण जी ने अन्न जल सहित चारों प्रकार के आहार का त्याग कर, उत्तम समाधि मरण की ओर मार्ग प्रशस्त कर रखा है। पढ़िए राजेश जैन दद्दू की रिपोर्ट..


इंदौर। शिखर जी यम संल्लेखना के 18 दिन बाद क्षपकराज श्री मेरु भूषण जी उत्तम समाधि की ओर बढ़ रहे हैं। क्षपकराज श्री मेरु भूषण जी को यम संल्लेखना लिए 18 दिन हो चुके हैं। चारों प्रकार के आहार का त्याग किए हुए आचार्य श्री मेरु भूषण जी ने अपने संयमित जीवन में बहुत कुछ विशेष कार्य किए हैं।

समाज के लिए हुबली के निकट श्री आदिनाथ जी मंदिर में 20 साल पुराना विवाद चल रहा था, जिसे उन्होंने ही सुलझवाया था। इंदौर चातुर्मास के दौरान 13 दिन अन्न, जल का त्याग कर दिया और फिर दिल्ली में भी 11 दिन का अन्न, जल त्याग कर, गिरनार के लिए जैन समाज की आवाज को प्रशासन तक पहुंचाया। शिखरजी में बलि प्रथा के विरोध में 6 दिन अन्न, जल का त्याग किया।

बार-बार वह समाज की बात को प्रशासन तक पहुंचाने के लिए अन्न, जल का त्याग करते रहे हैं। 20 अक्टूबर 2011 को सोनागिरी में आचार्य श्री मेरू भूषण जी महाराज ने 12 वर्ष की संल्लेखना ली थी। आगरा में उन्होंने एलाचार्य श्री अतिवीर जी महाराज को आचार्य पद दिया और अब उन्होंने शिखरजी में विप्रणत महाराज जी को आचार्य पद देकर अपनी यम संल्लेखना की ओर मार्ग प्रशस्त किया था। इस समय आचार्य विप्रणत जी महाराज निर्यापकत्व की भूमिका निभा रहे हैं तथा पूरी तरह सेवा भाव में लगे हुए हैं।

18 दिनों से क्षपक राज श्री मेरू भूषण जी ने अन्न जल सहित चारों प्रकार के आहार का त्याग कर, उत्तम समाधि मरण की ओर मार्ग प्रशस्त कर रखा है। इंदौर दिगंबर जैन समाज सामाजिक सांसद के अध्यक्ष राजकुमार पाटोदी मंत्री डॉ. जैनेन्द्र जैन, फेडरेशन के अध्यक्ष राकेश विनायका, महावीर ट्रस्ट के अध्यक्ष अमित कासलीवाल ,संजीव जैन सजिवनी, राजेश जैन दद्दू आदि ने अपनी भावनाएं भाई हैं कि गुरु देव शिद्ध शीला को प्राप्त करें।

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