प्राकृत भाषा एवं साहित्य की समृद्ध परंपरा को वैश्विक स्तर पर पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से प्रथम बार अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होने ‘प्राकृत टाइम्स’ में प्राचीन आचार्यों, प्राकृत एवं साहित्य के लिए समर्पित सुप्रसिद्ध मनीषियों के योगदान, महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का परिचय, अंग्रेजी अनुवाद के साथ प्राकृत गाथाओं तथा देश-विदेशों में चल रहे प्राकृत अध्ययन, कार्यशालाओं, सेमिनारों, कांफ्रेंस आदि गतिविधियों की सूचनायें मुख्यता के साथ प्रकाशित होती हैं। पढ़िए विस्तृत रिपोर्ट
नई दिल्ली। नेशनल मीडिया फाउंडेशन के 45वें स्थापना दिवस पर डॉ. अरिहन्त कुमार जैन (मुंबई) को पत्रकारिता के क्षेत्र में ‘प्राकृत टाइम्स इंटरनेशनल न्यूजलेटर’ के माध्यम से विश्व भर में प्राकृत भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए ‘नेशनल गौरव अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। सर्वप्राचीन प्राकृत भाषा एवं साहित्य की समृद्ध परंपरा को वैश्विक स्तर पर पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से प्रथम बार अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित होने ‘प्राकृत टाइम्स’ में प्राचीन आचार्यों, प्राकृत एवं साहित्य के लिए समर्पित सुप्रसिद्ध मनीषियों के योगदान, महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का परिचय, अंग्रेजी अनुवाद के साथ प्राकृत गाथाओं तथा देश-विदेशों में चल रहे प्राकृत अध्ययन, कार्यशालाओं, सेमिनारों, कांफ्रेंस आदि गतिविधियों की सूचनायें मुख्यता के साथ प्रकाशित होती हैं, जिस prakrittimes.wordpress.com पर पढ़ा जा सकता है। ‘प्राकृत टाइम्स’ के पाठकों की संख्या देश-विदेश में लगातार बढ़ रही है। इसके माध्यम से प्राकृत भाषा एवं साहित्य के प्रति जैन-जैनेतर लोगों की रुचि एवं जिज्ञासा बढ़ी है। डॉ. जैन के इस अभिनव कार्य की पूज्य साधु-संतों एवं देश-विदेशों के कई सुविख्यात मनीषियों, भाषाविदों ने भरपूर सराहना की है और कहा है कि ‘प्राकृत टाइम्स’ भारत और पश्चिमी देशों के बीच ‘प्राकृत सेतु’ का कार्य कर रहा है, और क्रमशः अपने उद्देश्यों में पूर्णतः सफलता भी प्राप्त कर रहा है।
सेमिनार और सम्मान समारोह
17 फरवरी 2023 को नेशनल मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार एवं सम्मान समारोह में देश भर से अनेक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें पत्रकार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, स्वतंत्र पत्रकार, साहित्यकार, कवि, लेखक, पर्यावरणविद्, समाजसेवी आदि शामिल थे। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. प्रियरंजन त्रिवेदी (कुलाधिपति,द ग्लोबल ओपन यूनिवेर्सिटी,नागालैंड), सम्मानित अतिथि डॉ. मणींद्र जैन (राष्ट्रीय अध्यक्ष, दिगंबर जैन महासमिति), नरेंद्र भण्डारी (अध्यक्ष, इंद्रप्रस्थ प्रेस क्लब ऑफ इंडिया), नेशनल मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. ओ. पी. यादव, राष्ट्रीय सलाहकार जवाहर जयरथ एवं सभी प्रदेशों के महासचिव, सचिव, उपाध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्षों ने डॉ. अरिहन्त को बधाई दी।
बनाई है डॉक्युमेंट्री
डॉ. अरिहन्त ने श्रीक्षेत्र श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) के ऐतिहासक एवं पुरातात्विक महत्त्व तथा प्राकृत भाषा में उल्लिखित शिलालेखों को दर्शाते हुए ‘प्राकृत भाषा – एक प्राचीन समृद्ध परंपरा’ नामक एक महत्त्वपूर्ण रिसर्च डॉक्युमेंट्री फिल्म का भी निर्माण किया है, जिसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित भी किया जा चुका है। आप जैन दर्शन के प्रख्यात विद्वान प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी और डॉ. श्रीमती मुन्नी जैन (वाराणसी) के छोटे बेटे हैं। आप वर्तमान में जैन अध्ययन केंद्र, क. जे. सोमैया इंस्टीट्यूट को धर्मा स्टडीज़, सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय, मुंबई में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
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