राजस्थान की राजनीति का बड़ा नाम, राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष और श्वेतांबर जैन समाज के राजनीतिक व्यक्तित्व अब असम के राजभवन की शोभा बढ़ाने वाले हैं । देश में नए राज्यपालों की नियुक्ति की सूची में गुलाब चंद जी कटारिया का नाम भी शामिल था।घोषणा होने के बाद उनके घर फूल-माला लिए लोगों का ताँता लग गया। श्रीफल जैन न्यूज़ के प्रतिनिधि ने भी उन्हें संस्थान और सकल जैन समाज की ओर से बधाई दी और आगामी भूमिका के लिये हार्दिक शुभकामनाएं दी।
राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ और श्वेतांबर समाज से जुड़े जैन धर्मी भाई गुलाब चंद कटारिया को मोदी सरकार ने असम का राज्यपाल नियुक्त कर दिया । गुलाब चंद कटारिया, राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष के रूप में सक्रिय राजनीति में काम कर रहे थे ।
अब वे सक्रिय राजनीति से दूर संवैधानिक मुद्दों की व्याख्या और संविधान की रक्षा से जुड़े पुनीत कार्य में जुड़ेंगे । गुलाब चंद कटारिया की नियुक्ति की घोषणा के बाद उदयपुर, डूंगरपुर,बांसवाड़ा समेत समूचे मेवाड़ और वागड़ अंचल में फैले उनके समर्थकों में खुशी की लहर छा गई । वागड़ और मेवाड़ के सकल जैन समाज की और से नव नियुक्त राज्यपाल को बधाई और शुभकामनाएं दी गई हैं ।
जानिए, गुलाब चंद कटारिया का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
गुलाबचंद कटारिया का जन्म 13 अक्टूबर 1947 को हुआ. पत्नी अनिता कटारिया हैं और इनकी 5 पुत्रियां है. कटारिया गणित के शिक्षक थे और कहा जाता है कि शहर के आहाड़ क्षेत्र में उनका खुद का स्कूल हुआ करता था जहां वह गणित विषय पढ़ाते थे और वे आरएसएस से भी जुड़े रहे. राजनीति में धीरे-धीरे कार्यकर्ता के रूप में कदम रखा और इसके बाद पहली बार 1977 में गुलाब चंद कटारिया ने 6वीं राजस्थान विधानसभा के लिए उदयपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन भरा और जीत भी हासिल की। खास बात यह है कि वे यहां से लगातार जीतते आ रहे है. 1977 के बाद1980 में हुए 7 वीं राजस्थान विधानसभा के चुनाव भी गुलाब चंद ने जीत दर्ज की और दूसरी बार विधानसभा सदस्य बने ।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री रहे गुलाबचंद कटारिया
इसी दौरान वे 1980 से 1981 तक राजस्थान विधानसभा के प्राक्कलन समिति के सदस्य भी रहे। 1981 से 1985 तक विधायक रहते हुए राजस्थान विधानसभा में प्राक्कलन समिति सदस्य भी रहे। 1989 में गुलाब चंद कटारिया 9 वीं लोकसभा के लिए उदयपुर से ही चुने गए और लोकसभा की लोक लेखा समिति के सदस्य भी बनाए गए। इसी के साथ वे लोकसभा की कृषि संबंधी समिति के सदस्य भी रहे । 1993 में गुलाब चंद 10वीं राजस्थान विधानसभा में उदयपुर से निर्वाचित होकर गए और उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया। 1993 को उन्हें राजस्थान सरकार में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बनाया गया। वे इस पद पर 30 नवम्बर 1998 तक रहे ।
साल 1998 में गुलाब चंद 11वीं राजस्थान विधानसभा में फिर से चुन कर आए. कांग्रेस सरकार विपक्ष के विधायक रहते हुए वर्ष 1999 से 2000 तक लोक लेखा समिति और विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे. 1999 से 2000 तक विधानसभा सदन समिति सदस्य भी रहे. 2003 में गुलाब चंद कटारिया 12वीं राजस्थान विधानसभा में उदयपुर से विजयी होकर विधान सभा पहुंचे. इस बार राजस्थान में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी और वसुंधरा राजे सरकार में गुलाब चंद को लोक निर्माण विभाग और गृह मंत्री बनाया गया. वे राजस्थान सरकार में गृह मंत्री के पद पर 2008 तक रहे. 2008 में गुलाब चंद कटारिया फिर से विजयी होकर 13वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने. इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी. इस दौरान वे विपक्ष के नेता भी रहे।
वर्ष 2013 में गुलाब चंद कटारिया 7वीं बार उदयपुर से विधायक बने और 14वीं राजस्थान विधानसभा में पहुंचे. इस बार राजस्थान में बीजेपी की जीत हुई और 2013 में उन्हें राजस्थान सरकार में पंचायती राज मंत्री बनाया गया. पिछले विधानसभा में भी उन्होंने 9 वीं बार जीत दर्ज की और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष बने और अब वे असम के राज्यपाल बनाए गए हैं ।
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