सारांश
देश भर में चर्चा है कि इस समय पथरिया ऐसा पावन स्थान बन गया है जहां देश में इस वक्त सबसे ज्यादा जैन संत विराजित हैं । क्या है वजह और कौन से प्रमुख संतों का हुआ आगमन, पढ़िए विस्तार से, हमारे सहयोगी राजेश जैन दद्दू की रिपोर्ट में …
पथरिया में इन दिनों ऐसा पावन संयोग हुआ है कि देश भर में ऐसा कोई स्थान नहीं, जहां पथरिया से ज्यादा संत बिराजमान हों । आचार्य श्री विराग सागर महाराज के सानिध्य में अभूतपूर्व आयोजन हो रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए संतों के बीच श्रावक, 103 वर्षीय माताजी क्षुल्लिका चेतन श्री विरागोदय जी का दर्शन लाभ भी ले रहे हैं । पथरिया में 98 वर्षीय आर्यिका विरज श्री माताजी की सल्लेखना चल रही है ।
इस महा महोत्सव में एक नई रोचक बात सामने आई है सबसे अधिक उम्र की क्षुल्लिका माताजी जिनकी उम्र लगभग 103 वर्ष बताई गई है । उनका नाम क्षुल्लिका 105 चेतनश्री मति माताजी, वर्तमान में सर्वाधिक उम्र की साध्वी हैं । पूज्या माताजी इस भव्य आयोजन में सम्मिलित होने पधारी हैं । ये अभूतपूर्व क्षण हैं जहां 98 वर्ष की उम्र की आर्यिका 105 विरजश्री माताजी भी यहां विराजित हैं । इतनी अधिक उम्र में उनका 37 वां उपवास गुरुवार को पूर्ण हुआ है । पूज्य माता जी की गुरु विराग सागर महाराज के सानिध्य में सल्लेखना चल रही है । जैन दर्शन में सल्लेखना समाधि का महत्व है। साधु होकर गुरु चरणों में समाधि को पाना एक उत्तम समाधि मरण कहलाता है ।
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