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अर्जुन मेघवाल: जैन धर्म के सिद्धांत अपना लें तो संसार में न हो कोई युद्ध

सारांश

22 जनवरी से 27 जनवरी तक चलने वाले पंचकल्याणक महामहोत्सव से पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज से आशीर्वाद लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि संसार के जितने भी दर्शन हैं, उसमें वर्तमान परिस्थितियों में जैन दर्शन अपनी प्रासंगिकता तेज गति से बढ़ा रहा है।

मदनगंज-किशनगढ़।  आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज के सानिध्य में 22 जनवरी से 27 जनवरी तक चलने वाले पंचकल्याणक महामहोत्सव से पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल आचार्य श्री से आशीर्वाद लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि संसार के जितने भी दर्शन हैं, उसमें वर्तमान परिस्थितियों में जैन दर्शन अपनी प्रासंगिकता तेज गति से बढ़ा रहा है।

उसका एक बड़ा कारण, जब रूस और यूक्रेन युद्ध की चर्चा चलती है तो लोग कहते हैं कि कैसे रुके तो मानव सभ्यता में जो सिद्धांत जैन दर्शन से आया, वो है जीओ और जीने दो। यह अगर छोटा सा सूत्र संसार के लोग पकड़ लें तो युद्ध क्या मानवता भी स्थिर हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे भारतीय दर्शन में भी जैन दर्शन से हमने लिया है अहिंसा परमो धर्म और सत्यमेव जयते.

कहीं-कहीं आपको गड़बड़ नजर आती है, वह इसलिए नजर आती है, क्योकि अहिंसा का अ हटा कर हमने सत्य के आगे लगा दिया है। शब्द इतने ही हैं, लेकिन मायने बदल गए हैं। इसीलिए समाज में गड़बड़ी नजर आती है लेकिन जब मैं ऐसे संतों के चरणों में पहुंचता हूं तो मुझे लगता है कि मेरा जीवन सफल हुआ।

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